स्थानीय लोगों को इलाज के लिए दिल्ली,लखनऊ, गोरखपुर या कहीं और नहीं जाना पड़ेगा

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 उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज जनपद गोरखपुर में  भटहट, सहजनवां, पाली, बांसगांव व हरनही सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट (पीकू) का उद्घाटन किया। ज्ञातव्य है कि इनकी स्थापना हिन्दुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड के सी0एस0आर0 फण्ड से करायी गयी है। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आज यहां लोकार्पित 05 पीडियाट्रिक आई0सी0यू0 बहुत बड़ी उपलब्धि हैं। इसके लिए इस प्रकार स्टाफ की भी तैनाती हुई है, जो यहां पर लोगों को आसानी से सुविधा उपलब्ध करवा सकें। बहुत अच्छी व्यवस्था के साथ जोड़ने का कार्य हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पीडियाट्रिक आई0सी0यू0 संकट का साथी है। कोरोना के समय आई0सी0यू0 के बेड की अधिक आवश्यकता हो गयी थी। प्रदेश में 36 जनपद ऐसे थे, जहां पर कोई आई0सी0यू0 के बेड नहीं थे। इसके बाद वहां पर उपचार की बेहतरीन व्यवस्था दी गयी। कोरोना प्रबन्धन में सबसे बड़ी आबादी का राज्य होने के बावजूद उत्तर प्रदेश बेहतरीन स्थिति में था। मौत के आंकड़ों को न्यूनतम स्तर पर लाने में हम सफल रहे।
मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन को निर्देश दिये कि जहां पर यह पीडियाट्रिक आई0सी0यू0 बन गये हैं, वहां पर एक-एक हेल्थ ए0टी0एम0 अवश्य लगाया जाए। इससे स्थानीय लोगों को इलाज के लिए दिल्ली, लखनऊ, गोरखपुर या कहीं और नहीं जाना पड़ेगा। लोगों को यहीं पर सभी जांच व दवा की सुविधा प्राप्त होगी। मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के अन्तर्गत हर गरीब के लिए आयुष्मान कार्ड की सुविधा भी यहीं पर प्राप्त होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हर रविवार को यहां पर लोगों के आयुष्मान कार्ड बनें। केन्द्र व राज्य सरकार से जुड़ी सभी योजनाओं का लाभ प्राप्त होता हुआ दिखाई देना चाहिए। जनपद में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, जिला चिकित्सालय, मेडिकल कॉलेज और एम्स है। अगर आप सिस्टमेटिक विकास से इसी प्रकार से जुड़े रहेंगे तो भटहट को गोरखपुर बनने में देर नहीं लगेगी। यहां पर लोगो की सुविधाएं बढ़ेंगी और आवागमन आसान हो जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चार दशक से मस्तिष्क ज्वर से होने वाली मौतां का एक दर्दनाक इतिहास सामने रहा है। कैसे यहां पर मस्तिष्क ज्वर से मासूम बच्चों की मौतें होती थी गरीब परिवार के बच्चे तड़पते थे। उनकी दवा और उपचार की  व्यवस्था नहीं होती थी। जब वह हॉस्पिटल पहुंचता था, तब तक बीमारी बहुत आगे बढ़ चुकी होती थी। तब बच्चों को बचाना बहुत कठिन हो जाता था, लेकिन आज इस बात पर संतोष होता है कि इसेंफेलाइटिस को पूरी तरह से नियंत्रित कर लिया गया है। अब मस्तिष्क ज्वर से कोई मौत नहीं होती हैं। प्रदेश सरकार ने बेहतरीन सर्विलान्स, हर जगह साफ-सफाई, शुद्ध पेयजल की आपूर्ति और बीमार व्यक्ति/बच्चों को तत्काल अस्पताल पहुंचाकर तथा उपचार की समुचित व्यवस्था करके मस्तिष्क ज्वर को नियंत्रित किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बी0आर0डी0 मेडिकल कॉलेज में बेहतरीन सुविधाएं मिल रही हैं। फर्टिलाइजर कारखाना फिर से चालू हो गया है। भटहट में महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय बन रहा है। आज यहां पर 04 आई0टी0आई0 भी हैं। जो सुविधा पहले लखनऊ और दिल्ली में मिलती थी, वह सुविधा अब बी0आर0डी0 मेडिकल कॉलेज, गोरखपुर में मिल रही है। एम्स भी गोरखपुर में प्रारम्भ हो गया है। यह चीजें दिखाती हैं कि विकास तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है।
इस अवसर पर सांसद श्री रविकिशन शुक्ल सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण एवं शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी व हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड के पदाधिकारी उपस्थित थे।

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