राष्ट्रपति द्वारा ‘प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान’ शुभारंभ कार्यक्रम का जनपद में हुआ सजीव प्रसारण

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भदोही:- भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा आज (9 सितंबर,2022) को ‘प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान’ शुभारंभ कार्यक्रम का सजीव प्रसारण कलेक्टेªट के एनआईसी सभागार में मुख्य विकास अधिकारी श्री भानु प्रताप सिंह की अध्यक्षता व विकास खण्ड सुरियावॉ के सराय छत्रशाह के हेल्थ वेलनेस सेन्टर पर किया गया। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि ‘प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान’ को उच्च प्राथमिकता देना और इस अभियान को जन आंदोलन बनाना सभी नागरिकों का कर्तव्य है। ऐसा इसलिए है क्योंकि टीबी हमारे देश में अन्य सभी संक्रामक रोगों में सबसे अधिक मौतों का कारण बनती है। उन्होंने कहा कि भारत में दुनिया की आबादी का 20 प्रतिशत से थोड़ा कम है, लेकिन दुनिया के कुल टीबी रोगियों का 25 प्रतिशत से अधिक है। यही चिंता की बात है। उन्होंने यह भी कहा कि टीबी से प्रभावित ज्यादातर लोग समाज के गरीब वर्ग से आते हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि ‘न्यू इंडिया’ की सोच और कार्यप्रणाली भारत को विश्व का अग्रणी राष्ट्र बनाना है। भारत ने कोविड-19 महामारी से निपटने में दुनिया के सामने एक मिसाल कायम की है। विश्वास के साथ आगे बढ़ने की ‘न्यू इंडिया’ की नीति टीबी उन्मूलन के क्षेत्र में भी दिखाई दे रही है। संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों के अनुसार, सभी राष्ट्रों ने वर्ष 2030 तक टीबी उन्मूलन का लक्ष्य निर्धारित किया है। लेकिन भारत सरकार ने वर्ष 2025 तक टीबी उन्मूलन का लक्ष्य रखा है और इसे पूरा करने के लिए हर स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। संकल्प।


राष्ट्रपति ने कहा कि इस अभियान को जन आंदोलन बनाने के लिए लोगों में टीबी के प्रति जागरूकता पैदा करनी होगी. उन्हें बताना होगा कि इस बीमारी से बचाव संभव है। इसका इलाज प्रभावी और सुलभ है और सरकार इस बीमारी की रोकथाम और इलाज के लिए निःशुल्क सुविधा मुहैया कराती है। उसने कहा कि कुछ रोगियों या समुदायों में, इस बीमारी से जुड़ी एक हीन भावना है, और वे इस बीमारी को एक कलंक के रूप में देखते हैं। इस भ्रम को भी मिटाना है। सभी को इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि टीबी के कीटाणु अक्सर सबके शरीर में मौजूद होते हैं। जब किसी व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता किसी कारणवश कम हो जाती है तो यह रोग व्यक्ति में प्रकट होता है। इलाज से निश्चित तौर पर इस बीमारी से छुटकारा पाया जा सकता है। ये सारी बातें लोगों तक पहुंचनी चाहिए। तभी टीबी से पीड़ित लोग इलाज की सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे। प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान की परिकल्पना सभी सामुदायिक हितधारकों को एक साथ लाने के लिए की गई है ताकि टीबी के उपचार में लोगों का समर्थन किया जा सके और टीबी उन्मूलन की दिशा में देश की प्रगति में तेजी लाई जा सके। सजीव प्रसारण कार्यक्रम में मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ0 संतोष कुमार चक, समस्त अपर मुख्य चिकित्साधिकारी, अधीक्षक स्वास्थ्य केन्द्र, जिला उद्यान अधिकारी एवं सम्बन्धित अधिकारीगण उपस्थित रहें।

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