धनबाद। बीसीसीएल में कार्यरत अकुशल श्रेणी के सामान्य मजदूरों के करियर में उन्नति के लिए सीएमडी श्री समीरन दत्ता की विशेष पहल और उनके मार्गदर्शन में संचालित कार्यक्रम “मिशन उत्थान” के अंतर्गत अब तक माइनिंग सरदार और सर्वेयर जैसी परीक्षाओं के लिए कई चरणों में सैकड़ों अभ्यर्थियों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। इसी क्रम में आज कंपनी के मानव संसाधन विकास विभाग प्रशिक्षण केन्द्र, जगजीवन नगर में विद्युत पर्वेक्षक पात्रता परीक्षा के लिए अभ्यर्थियों के मार्गदर्शी बैच का शुभारंभ हुआ। शिक्षण-सत्र की शुरुआत निदेशक कार्मिक श्री मुरलीकृष्ण रमैया द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ की गयी।
इस अवसर पर खान सुरक्षा महानिदेशालय, धनबाद से उपस्थित श्री एस. प्रवीण, डी.डी.एम.एस.(इलेक्ट्रिकल) द्वारा खान अधिनियम, 1952 एवं विद्युत अधिनियम-2003 के विभिन्न प्रावधानों पर प्रकाश डालते हुए अभ्यर्थियों को जागरुक किया गया। उन्होंने बताया गया कि विद्युत पर्वेक्षक एक वैधानिक पद है। प्रावधानों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए बिजली से संचालित उपकरणों का परिचालन एवं मरम्मत का कार्य विद्युत पर्वेक्षक की उपस्थिति में ही किया जाना चाहिए। कंपनी की संपत्ति एवं कर्मियों की सुरक्षा में विद्युत पर्वेक्षकों की अहम भूमिका रहती है।
निदेशक कार्मिक मुरलीकृष्ण रमैया ने प्रशिक्षुओं को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि आप सभी युवा एवं उर्जावान हैं और विद्युत पर्वेक्षक बनने की आवश्यक योग्यता भी रखते हैं। बीसीसीएल द्वारा दिए जा रहे अवसरों का लाभ उठा कर आप कंपनी में बेहतर योगदान देते हुए अपने करियर को नया आयाम दे सकते हैं। कोयला भवन मुख्यालय के महाप्रबंधक (वि.एवं यांत्रिक) श्री एम. एस. पाण्डेय एवं महाप्रबंधक (का. एवं औ.सं.) श्री बुद्युत साहा ने भी प्रशिक्षुओं को प्रोत्साहित करते हुए विद्युत पर्वेक्षक के पद के महत्व से अवगत कराया और उन्हें कैरियर में आगे बढ़ने के लिए शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर श्री एस. के. सिंह, महाप्रबंधक (मानव संसाधन विकास), आर. के. साहा, मुख्य प्रबंधक (खनन), आर. एन. विश्वकर्मा, मुख्य प्रबंधक (खनन), मणिकांत पाण्डेय, मुख्य प्रबंधक (खनन), कुमार मनोज, मुख्य प्रबंधक (कार्मिक) एवं अखिलेश सिंह, वरिष्ठ प्रबंधक (खनन) आदि भी उपस्थित रहे।