सोनभद्र/ घोरावल ब्लॉक के कोहरथा गाँव में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के प्रथम दिन वैदिक मंत्रोंचार पूजन के पश्चात कलश यात्रा का शुभारम्भ हुआ | यज्ञ मण्डप से भागवत प्रेमियों द्वारा भजन कीर्तन के साथ 108 कलश यात्रा में विशाल जुलूस के साथ पूरे गांव व बाजार का भ्रमण किया गया। भ्रमण के दौरान बाजार से दक्षिणी तिराहे से बाईपास होते हुए पुनः रामलीला मैदान वापस हुआ, जहां भागवत कथा के प्रथम दिवस पर अंतराष्ट्रीय कथा वाचिका किशोरी जी के द्वारा भागवत कथा का रसपान कराते हुए, गोकर्ण व धुंधकारी कथा का वर्णन करते हुए कहा धुंधकारी बड़ा पापी था, वही दूसरा भाई गोकर्ण बड़ा धर्मात्मा था, धुंधकारी अपने माता-पिता को बड़ा कष्ट देता था। मारता पीटता था।
गोकर्ण के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा व्यक्ति यदि सत्य का आश्रय ले ले तो समझ लेना चाहिए व्यक्ति भगवान का आश्रय ले लिया, और सत्य बोलने वाला व्यक्ति कभी गलत नहीं कर सकता, वहीं धुंधकारी जैसे पापीऔर झूठ बोलने वाला व्यक्ति कभी अपना व समाज का कल्याण नहीं कर सकता, कोई भी व्यक्ति अपने मां-बाप को कष्ट देकर कभी सुखी नहीं रह सकता है। इसलिए प्रथम पूज्य मां बाप ही होते हैं।