इस नई प्रक्रिया से मुकदमों के निस्तारण में तेज़ी आएगी। समय पर गवाही व ट्रायल हो सकेगा। इसकी शुरुआत कुशीनगर के एक मामले में 15 दिन पहले शुरू की गई। अभी तक अधिकारियों की व्यस्तता, रिटायर होने व अस्वस्थ होने के कारण गंभीर मामलों के प्रकरण में सुनवाई लंबे समय से चली आ रही है। इससे पीड़ित को बार-बार न्यायालय का चक्कर काटना पड़ता है।
इस नई प्रक्रिया के अनुसार, न्यायिक प्रक्रिया को तेज किया जाएगा, जिससे गंभीर मामलों का निष्तारण समय पर हो सकेगा। इससे न्यायिक प्रक्रिया में सुधार होगा और पीड़ितों को अधिक समय नहीं बिताना पड़ेगा। यह नई प्रक्रिया उन अधिकारियों को भी समाहित करेगी जो अपनी नियुक्ति से रिटायर हो चुके हैं या अस्वस्थ हैं। इससे न्यायिक संरचना में एक सकारात्मक परिवर्तन आएगा और न्याय प्राप्त करने के लिए लंबे समय इंतजार की जरूरत नहीं होगी।
यह एक बड़ी कदम है जिससे न्याय प्रक्रिया को तेजी मिलेगी और लोगों को जल्द ही न्याय मिलेगा। अब पुलिस अधिकारियों को अदालत में जाने की ज़रूरत नहीं होगी, जो मुकदमों के निस्तारण और अपराधियों की सजा सुनवाई के लिए गवाही देने की प्रक्रिया को तेज करेगा। इससे प्रशासनिक प्रक्रिया में भी बदलाव आएगा और लंबे समय से चल रहे मामलों को तेजी से सुलझाया जा सकेगा। विशेष रूप से एससी-एसटी और दहेज हत्या जैसे गंभीर मामलों में, ऑनलाइन गवाही की सुविधा से पीड़ितों को जल्द न्याय मिलेगा। यह एक प्रगति का उदाहरण है जो न्यायिक प्रक्रिया को सुधारेगा और न्याय को लोगों के लिए अधिक पहुंचने में मदद करेगा।
इस प्रक्रिया में, पुलिस अधिकारियों को अदालत के सामने जाने की लंबी प्रक्रिया का सामना नहीं करना पड़ेगा, जिससे उनका समय और प्रशासनिक उपयोग भी कम होगा। इस सुविधा से अब अधिकारियों को ऑनलाइन गवाही देने की छूट मिलेगी, जिससे उन्हें अपने कार्य को अधिक सहज और तेजी से पूरा करने का अवसर मिलेगा। यह एक सकारात्मक कदम है जो न्यायिक प्रक्रिया को सुधारेगा और न्याय को समय पर पहुंचने में मदद करेगा। इससे प्रबंधन और व्यवस्था में भी सुधार होगा और न्यायिक प्रक्रिया में निष्पादन की गति तेज होगी। इस नई प्रक्रिया से, लोगों को न्याय मिलने में कम समय लगेगा और पीड़ित व्यक्तियों को अधिक संतुष्टि मिलेगी।
एडिशनल एसपी ग्रामीण शैलेंद्र सिंह ने बताया कि ऑनलाइन गवाही की प्रणाली से मुकदमों के निस्तारण में काफी सहूलियत होगी। आवश्यक कामकाज, वीवीआईपी प्रोटोकॉल को देखते हुए पुलिस अधिकारियों को गवाही देने के लिए अदालत पहुंचने में देरी होती थी। ऐसे में ऑनलाइन गवाही की छूट से लोगों को जल्द न्याय मिलेगा।