जन औषधि दिवस के उपलक्ष में जन औषधि रेलगाड़ी को हज़रत निज़ामुद्दीन स्टेशन से रवाना किया गया

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रेल मंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ने जन औषधि ट्रेन को  हरी झण्‍डी दिखाई

प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना” के बारे में जागरूकता बढ़ाने और जनेरिक दवाओं को बढ़ावा देने के लिए इस ट्रेन का संचालन किया गया है

नई दिल्‍ली/ अश्विनी वैष्णव, माननीय रेल, संचार और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री और   डॉ. मनसुख मंडाविया, माननीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण और रसायन और उर्वरक मंत्री ने आज हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन से ‘जन औषधि ट्रेन’ (छत्तीसगढ़ संपर्क क्रांति एक्सप्रेस) को झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और रेलवे बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। ट्रेन को जन औषधि दिवस के उपलक्ष्य में चलाया जा रहा है। जन औषधि की ब्रांडिंग के साथ छत्तीसगढ़ संपर्क क्रांति एक्सप्रेस (हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन से दुर्ग, छत्तीसगढ़) को vinyl wrap किया गया है। हजरत निजामुद्दीन से दुर्ग  की अपनी 1,278 किलोमीटर लंबी यात्रा में यह ट्रेन मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ राज्यों से होकर गुजरती है, और वीरांगना लक्ष्मीबाई झाँसी, सागर, कटनी मुड़वारा, उमरिया, शहड़ोल, अनूपपुर ज. पेंड्रा रोड़, बिलासपुर ज., भाटापारा, रायपुर ज. और दुर्ग  सहित 184 स्टेशनों  से होते हुए निकलेगी। यह ट्रेन सरकार द्वारा सस्ती कीमतों पर उपलब्ध कराई गई गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाओं के बारे में लोगों को शिक्षित करेगी और उनमें जागरूकता लाएगी।

“प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना” के बारे में जागरूकता बढ़ाने और generic दवाओं को बढ़ावा देने के लिए हर साल 7 मार्च को “जन औषधि दिवस” मनाया जाता है। “प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना” के अंतर्गत सस्ती कीमत पर quality generic दवाएं उपलब्ध कराकर आम लोगों के जीवन पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाला है। इस 5th जन औषधि दिवस को प्रस्तावित थीम “जन औषधि सस्ती भी अच्छी भी” के साथ 1 मार्च 2023 से 7 मार्च 2023 तक देश भर के विभिन्न शहरों / कस्बो में सप्ताह भर चलने वाले कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं।

आज “प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केन्द्रों” की संख्या 9,000 से अधिक हो गई है। उत्पाद बास्केट को बढ़ाकर 1,700 से अधिक दवाओं और 280 surgical तक कर दिया गया है। ब्रांडेड दवाओं के औसत बाज़ार मूल्य से 80-90% तक सस्ती हैं और इससे पिछले 8 वर्षों में नागरिकों को लगभग 20,000 करोड़ रुपये की अनुमानित बचत हुई है। यह योजना स्वरोज़गार का एक अच्छा स्रोत भी प्रदान करती है।

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