0 कवि सम्मेलन में कवियों ने एक से बढ़कर एक रचना सुनाकर खूब तालियां बटोरी
0 राबट्र्सगंज कचहरी परिसर स्थित सोनभद्र बार एसोसिएशन सभागार में हुआ आयोजन
सोनभद्र। शहीद स्थल प्रवंधन ट्रस्ट करारी के तत्वावधान में रविवार को पूर्वान्ह 11 बजे से राबटर््सगंज कचहरी परिसर स्थित सोनभद्र बार एसोसिएशन सभागार में वरिष्ठ साहित्यकार अजयशेखर की अध्यक्षता में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन, सत्ता का खेल लेखिका चंद्रलेखा सिंह की दूसरी पुस्तक का विमोचन एवं समस्त अतिथियों व कवियों का सारस्वत अभिनंदन माल्यार्पण कर लेखनी पुस्तिका प्रशस्ति पत्र गांधी प्रतिमा साहित्य पुस्तकें देकर किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ वरिष्ठ साहित्यकार अजय शेखर द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर एवं दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। चंदौली से पधारे बावला जी के शिष्य वरिष्ठ कवि शिवदास के वाणी वंदना सुना कर तान बीणां की हृदय में अर्चना भर दे विषमता दूर कर समता दे निर्मल अर्चना भर दे से कवि सम्मेलन का विधिवत शुभारंभ हुआ।
ओज के सशक्त हस्ताक्षर आयोजक प्रदुम्न त्रिपाठी एड ने जय हिन्द जगत में गूंज उठा नभ उड़े तिरंगा निज अविचल सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। वंदेमातरम् के जयघोष के साथ खूब तालियां बजवाते रहे। भदोही से पधारे राष्ट्र वाद के सजग प्रहरी संदीप बाला ने जहां सद्भावना समरसता एकता अखंडता के प्रति काव्य अनुराग जगाया, वहीं अपने माहेश्वर खंड काव्य से शिव को समर्पित रचना सुनाकर वाहवाही बटोरी। ओमप्रकाश मिर्जापुरी ने गीत गजल मुक्तक छंद सुनाकर पूरी महफ़िल में छा गये। भोजपुरी की उनकी रचना पाती काफी सराही गई। अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ साहित्यकार अजय शेखर ने सत्ता का खेल पुस्तक के लिए सही सोच के साथ सही लेखनी सारगर्भित समसामयिक आवश्यक धारा के विपरीत रोचक पुस्तक बताया और लेखिका चंद्र लेखा सिंह के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए अपनी कालजयी रचना हड्डियों से वज्र का निर्माण करते हैं सुनाकर आयोजन को ऊंचाई दिये।
जौनपुर से पधारे साहित्यकार नरेंद्र सिंह पंकज ने व्यवस्था पर सवाल खड़े करती सारगर्भित गंभीर रचना किसे फुर्सत है उसकी सुनने की आज आदमी है कहां हैवानियत हावी हुई काफी सराही गई। राकेश शरण मिश्र ने,लकलक धोती खद्दर कुर्ता पहन कर आए नेताजी, वहीं जगदीश पंथी ने प्यार तुम्हारा मिला कि सावन बरस गया,, ईश्वर विरागी ने,थामलेंगे वक्त को चलने न देंगे,,,व पारसनाथ मिश्र ने खंडकाव्य रामानुज भरत से भरत पर रचना सुनाया जो प्रभावी रही। प्रभात सिंह चंदेल ने देश भक्ति पूर्ण रचना कलेजे में तिरंगा जिगर में हिन्दुस्तान रखता हूं सुनाकर हुंकार भरी तो वहीं मिर्जापुर से पधारे अरुण तिवारी ने भारती की आरती उतारिये सुनाकर भारत माता को नमन किया धर्मेश चैहान एड ने हिंदी हिन्दुस्तान हमारी जान भारत मेरा महान अमर रहे संविधान सुनाया और जागरण कर लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया। जय राम सोनी ने हास्य चिकन चिकन बाति सुनाके आगि लगौला पानी में खूब हंसाया।
दिवाकर मेघ ने बीए पढै लागल बा बेटौवा सुनाया और देर तक हंसाया। दयानंद दयालू ने एक दिन जाये परी ईश के अदालत में रहबा कौंनौ हालत में सुनाकर वातावरण रसमय भक्ति मय बनाया। बार एसोसिएशन सोनभद्र के महामंत्री राजीव कुमार सिंह गौतम, विनोद कुमार चैबे, गीता गौर, सुरेन्द्र पांडेय, वरिष्ठ पत्रकार राजेश कुमार पाठक का सम्मान किया गया। संचालन शायर अशोक तिवारी ने किया। उनकी शायरी चांदनी की जमीं पर छटा देखकर चांद के पार हमको भी जाना पड़ा गतिज ऊर्जा प्रदान की।आयोजन देर तक चलता रहा आभार आयोजक निदेशक शहीद स्थल प्रवंधन ट्रस्ट करारी सोनभद्र प्रदुम्न त्रिपाठी एड ने व्यक्त किया।इस अवसर पर आत्मप्रकाश तिवारी, मदन चतुर्वेदी, देवानंद पांडेय, संजीव पांडेय, जयशंकर त्रिपाठी, नंदलाल, ऋषभ, ठाकुर कुशवाहा, शिखा, मृत्युंजय, फारुख अली, पुरुषोत्तम, बृजकिशोर देव आदि मौजूद रहे।