औद्योगिक संस्थाओ में सामग्रियों के निर्माण में अनुदानित यूरिया के प्रयोग किये जाने पर फर्मों पर वैधानिक कार्यवाही हेतु जांच

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*अबैध रूप से उर्वरक व्यापार तथा उर्वरकों की कालाबाजारी करने वाले बिक्रेताओं के विरूद्ध अभियान निरंतर चलता रहेगा*

        वाराणसी। शासन के निर्देशानुसार जनपद में स्थापित औद्योगिक संस्था जैसे-पेंट, बार्निस, मुद्रण स्याही, लिबास चादरें, प्लाईवूड, लेमिन बार्ड, पार्टीकल वोर्ड, कैटल फीड, कुक्कुट फीड, साबून के निर्माण में प्रयोग किये जा रहे अनुदानित यूरिया की जांच कर अनुदानित यूरिया के प्रयोग किये जाने पर सम्बन्धित फर्मों पर वैधानिक कार्यवाही सुनिश्चित किये जाने हेतु बुधवार को उर्वरक निरीक्षक, तहसीलदार एवं उद्योग विभाग के अधिकारियों की संयुक्त टीम बनाकर जनपद में छापे की कार्यवाही की गयी। 

      छापे के दौरान कुल 15 औद्योगिक इकाईयों एवं उनके गोदामों का गहन निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के समय किसी भी औद्योगिक इकाई पर अनुदानित यूरिया का उपयोग जनपद के उत्पादों के विर्निमाण में किया जाना नही पाया गया। अबैध रूप से उर्वरक व्यापार तथा उर्वरकों की कालाबाजारी करने वाले बिक्रेताओं के विरूद्ध यह अभियान निरंतर चलता रहेगा। वर्तमान समय में जनपद में समस्त उर्वरक उपलब्ध है। जनपद के प्रत्येक क्षेत्र में उर्वरक की कोई कमी नही है। बताते चलें कि टीम का गठन जिलाधिकारी एस. राजलिंगम के आदेश पर मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल द्वारा किया गया। टीम-1 में जिला कृषि अधिकारी संगम सिंह, तहसीलदार पिण्डरा एवं उद्योग विभाग के सहायक प्रबंधक संजय कुमार जिनको विकास खण्ड पिण्डरा एवं बडागांव, टीम-2 में जिला कृषि रक्षा अधिकारी राजेश कुमार राय, तहसीलदार सदर एवं उद्योग विभाग के सहायक प्रबंधक श्रीपाल जिनको विकास खण्ड चिरईगांव, चोलापुर एवं हरहुआं टीम-3 में उप सम्भागीय कृषि प्रसार अधिकारी सदर कु० निरूपमा, तहसीलदार राजातालाब एवं उद्योग विभाग की सहायक प्रबधंक कु० ज्योत्सना विकास खण्ड- काशीविद्यापीठ, आराजीलाईन एवं सेवापुरी आवंटित किया गया था।

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