बीजपुर । एनटीपीसी लिमिटेड, भारत की सबसे बड़ी एकीकृत ऊर्जा कंपनी, अपनी नैगम सामाजिक दायित्व (CSR) पहल, बालिका सशक्तिकरण अभियान (GEM) हर वर्ष गर्मी की छुट्टियों के दौरान एक महीने की कार्यशाला के माध्यम से करता है, जो 10-12 वर्ष की बालिकाओं को उनके सर्वांगीण उत्थान और विकास के लिए एक मंच प्रदान करता है। यह कार्यक्रम भारत सरकार की ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ पहल के साथ मेल खाता है और बालिकाओं की कल्पनाओं को पोषित करके और उन्हें अवसरों का पता लगाने की क्षमता प्रदान करके जेंडर इनेकुयलिटी से निपटने का लक्ष्य रखता है।
वर्ष 2018 में शुरू हुए जेम में एनटीपीसी रिहंद द्वारा अब तक 600 बालिकाओं को प्रशिक्षण दिया गया है। इनमें से 50 उत्कृष्ट बालिकाओं को एनटीपीसी रिहंद के नगर परिसर में स्थित डीएवी स्कूल में अध्ययन हेतु प्रवेश दिलाया गया है, जिसका सम्पूर्ण व्यय नैगम सामाजिक दायित्व विभाग द्वारा किया जा रहा है। जेम 2024 में एनटीपीसी अपनी कुल 42 चिन्हित परियोजनाओं के आस पास के गाँवों के वंचित वर्गों के लगभग 3,000 मेधावी बच्चों को प्रशिक्षण दिया। इसके साथ ही देशभर में जेम मिशन से लाभान्वित होने वाले बच्चों की कुल संख्या 10,000 से अधिक हो गई ।
बालिका सशक्तिकरण पहल के तहत एनटीपीसी रिहंद ने ग्रीष्मकालीन कार्यशाला 2024 के चयनित दस प्रतिभाशाली बालिकाओं को निःशुल्क शिक्षा प्रदान किया जाएगा। कार्यशाला में शामिल 120 प्रतिभागियों में से इन 10 मेधावी बालिकाओं को एनटीपीसी रिहंद के आवासीय परिसर में स्थित डीएवी पब्लिक स्कूल में प्रवेश दिलाया जाएगा। परिसर के शिवालिक अतिथि गृह में मीडिया प्रतिनिधियों एवं चयनित छात्राओं के अभिभावकों के साथ संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें मुख्य महाप्रबंधक, परियोजना प्रमुख (रिहंद) पंकज मेदीरत्ता ने मेधावी बालिकाओं और उनके अभिभावकों से बातचीत की।
छात्राओं को प्रोत्साहित करते हुए श्री मेदीरत्ता ने कहा, “अपने अंदर छिपी प्रतिभा को उजागर करें और स्वयं को किसे से कम महसूस किए बिना अपने लक्ष्य निर्धारित करें। अपने कौशल और साहस के साथ आगे बढ़ने का प्रयास करें।” उन्होंने बच्चों के माता-पिता से भी आग्रह किया कि वे अपनी बेटियों को स्कूल का काम पूरा करने और घर पर मन लगाकर पढ़ाई करने के लिए प्रेरित करें और उनका मार्गदर्शन करें।
तत्पश्चात उन्होंने बालिकाओं का मनोबल बढ़ाते हुए कहा, “एनटीपीसी ने आपको एक सशक्त मंच प्रदान किया है और अपने व्यक्तित्व को निखारने के लिए इसका पूरा लाभ उठाएँ।” उन्होंने अभिभावकों से अपील करते हुए कहा कि उनकी बेटियाँ अनमोल रत्न हैं और इस अवसर उद्देश्य उनकी प्रतिभा को निखारना है। उन्होंने डीएवी संस्थान के मूल मूल्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि, “नैतिकता और शिक्षा संगठन के मूल में हैं। ये ग्रामीण छात्राएँ अपने साथियों से बेहतर प्रदर्शन करने के लिए हिंदी और अंग्रेजी दोनों विषयों का अभ्यास करेंगी। विद्यालय उन्हें आगे बढ़ने में मदद करने के लिए हर संभव सहायता प्रदान करेगा।”एक माह के ग्रीष्मकालीन कार्यशाला में वर्तिका महिला मण्डल समिति के सदस्याओं ने अध्यक्षा वर्तिका महिला मण्डल समिति श्रीमती अनीता मेदीरत्ता के मार्गदर्शन में बढ़-चढ़ कर भाग लिया एवं अपना अमूल्य योगदान दिया जिसके कारण यह कार्यक्रम सफलता पूर्वक सम्पन्न हुआ।
सीएसआर विभाग ने अभिभावकों और बालिकाओं को रिहंद परियोजना प्रमुख से मिलवाया और उनके प्रोत्साहन के लिए आभार व्यक्त किया, जिससे बालिका सशक्तिकरण अभियान को गति मिली है। यह पहल स्थानीय बच्चों के कल्याण और कौशल विकास के लिए एनटीपीसी की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। कार्यक्रम में मुख्य रूप से अध्यक्ष वर्तिका महिला मण्डल समिति श्रीमती अनीता मेदीरत्ता, डीएवी विद्यालय के प्रधानाचार्य राजकुमार, मानव संसाधन विभाग के अधिकारीगण, मीडिया प्रतिनिधि, अभिभावक गण एवं चयनित बालिकाएँ आदि उपस्थित रहे।