डॉ. अम्बेडकर की थिसीस-‘‘प्रॉब्लम ऑफ रूपीस’’ के 100 वर्ष पूर्ण होने पर छत्तीसगढ़ में पहली बार होगा बौद्धिक विमर्श

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डॉ. अम्बेडकर वेलफेयर सोसायटी की कार्यकारिणी बैठक में प्रस्ताव पारित

रायपुर, / डॉ. बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर द्वारा लिखित विश्वविख्यात थिसीस ‘‘प्रॉब्लम ऑफ रूपीस’’ (Problem of Rupees) के 100 वर्ष पूर्ण होने पर छत्तीसगढ़ राज्य में पहली बार गहन बौद्धिक विमर्श एवं व्याख्यान का आयोजन किया जाएगा। डॉ. अम्बेडकर वेलफेयर सोसायटी के तत्वाधान में यह आयोजन 8 अक्टूबर को राजधानी रायपुर में होगा।  

डॉ. अम्बेडकर वेलफेयर सोसायटी की हुई कार्यकारिणी की बैठक में यह निर्णय लेते हुए सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया। बैठक में यह तय किया गया कि इस महत्वपूर्ण आयोजन में देश के सुप्रसिद्ध अर्थशास्त्री एवं आर्थिक मामलों के जानकार तथा विख्यात समाजशास्त्री डॉ. प्रदीप आगलावे मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित होंगे। वहीं इस महत्वपूर्ण आयोजन में अनेक अर्थशास्त्री और बौद्धिक चिन्तक और विचारक भी हिस्सा लेंगे।

उल्लेखनीय है कि डॉ. अम्बेडकर द्वारा लिखित यह पुस्तक वर्ष 1923 में प्रकाशित ‘रुपये की समस्या-उद्भव और समाधान’ अंबेडकर की एक महत्वपूर्ण पुस्तक है। इसमें उन्होंने 19वीं शताब्दी से भारतीय मुद्रा प्रणाली के विकास की विवेचना की है। भारत के लिए किस प्रकार की मुद्रा प्रणाली उपयुक्त है, इसका सुझाव रखा है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि इसी के आधार पर भारत में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की स्थापना हुई थी। इसी से देश में अनेक महत्वपूर्ण परियोजनाएं और वैकासिक प्रतिमानों की भी व्युत्पत्ति हुई है।

डॉ. अम्बेडकर वेलफेयर सोसायटी की हुई इस महत्वपूर्ण बैठक में आवास एवं पर्यावरण वाणिज्यिक कर (आबकारी) विभाग के विशेष सचिव श्री महादेव कावरे को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर कार्यकारिणी ने भविष्य की कार्ययोजना और रूपरेखा के बारे में गहन चर्चा की। बैठक में सोसायटी के अध्यक्ष एवं विभागीय जांच आयुक्त दिलीप वासनीकर, उपाध्यक्ष हेमराज कुटारे, कमल नारायण काण्डे, महासचिव कमलेश बंसोड़, सचिव उपेन्द्र कुमार मेश्राम, के. आर. उके, कोषाध्यक्ष मदनलाल मेश्राम, सदस्य डॉ. अनिल कुमार रामटेके, महेन्द्र बागड़े, शशांक घोडेश्वर, नवागत सदस्यों में लक्ष्मी प्रसाद अहिरवार और चाकेश्वर गढ़पाल सहित अनेक पदाधिकारी उपस्थित थे।

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