राउरकेला। अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त नए उन्नत सिविक सेंटर का उद्घाटन 15 अगस्त, 2024 को सेल, राउरकेला इस्पात संयंत्र (आर.एस.पी.) के निदेशक प्रभारी, अतनु भौमिक द्वारा किया गया। इस पुनर्निर्मित सुविधा में ‘सम्मान समारोह-2024’ का आयोजन किया गया, जो एक विशेष पुरस्कार समारोह था, जिसमें विभागों, कर्मचारियों, छात्रों और खिलाड़ियों को उनकी उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए विभिन्न पुरस्कार प्रदान किए गए। वर्ष 1960 में इस्पात संयंत्र में शामिल हुए आरएसपी के बारह पूर्व कर्मचारियों को भी संयंत्र की स्थापना और विकास में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए ‘इस्पात बिंधानी सम्मान’ से सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर दीपिका महिला संघती की अध्यक्ष श्रीमती सीमा देब भौमिक, कार्यपालक निदेशक (वर्क्स), एस.आर.सूर्यवंशी, कार्यपालक निदेशक (खान), आलोक वर्मा, कार्यपालक निदेशक (वित्त एवं लेखा), ए.के.बेहुरिया, डीआईजी (सीआईएसएफ), रतन कुमार, वरिष्ठ कमांडेंट (सीआईएसएफ), अशोक जलवानिया, डी.एम.एस. की सभी उपध्यक्षाएँ, श्रीमती हर्षाला सूर्यवंशी, श्रीमती प्रभाती मिश्र, श्रीमती नम्रता वर्मा, श्रीमती रीता बेहुरिया और संयंत्र के कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। कार्यक्रम की शुरुआत में गणमान्यों ने औपचारिक दीप प्रज्वलित किया और भगवान जगन्नाथ को नमन किया, तत्पश्चात राष्ट्रगान गाया गया।
इस अवसर पर बोलते हुए, निदेशक प्रभारी ने कहा, ‘सिविक सेंटर में आधुनिकीकरण और उन्नयन के इस चरण के साथ, हमने इसे राज्य के सर्वश्रेष्ठ सामाजिक-सांस्कृतिक केंद्रों में से एक बनाने का लक्ष्य रखा है। मुझे यकीन है कि एक जीवंत विरासत वाली यह इमारत रचनात्मकता, सीखने और एकजुटता को बढ़ावा देने वाली जगह प्रदान करके राउरकेला के लोगों के जीवन को और समृद्ध करेगी।’ उन्होंने इस्पात बिंधाणी सम्मान से सम्मानित दिग्गजों की प्रशंसा करते हुए उन्हें आर.एस.पी. की चिरस्थायी विरासत का निर्माता बताया। उन्होंने सृजनी योजना के तहत उल्लेखनीय योगदान के लिए पुरस्कार विजेताओं के साथ-साथ खेल और शिक्षा में उपलब्धि हासिल करने वालों को बधाई दी। एक रंगारंग कार्यक्रम भी एस अवसर पर आयोजित किया गया I
एस.एस.एम. के वरिष्ठ तकनीशियन, अनिल मल्लिक और सुश्री आकांक्षा मल्लिक ने कार्यक्रम का संचालन किया। सम्पूर्ण कार्यक्रम का समन्वय मुख्य महाप्रबंधक प्रभारी (नगर प्रशासन एवं सीएसआर), पी के स्वाईं के मार्गदर्शन में किया गया।
गौरतलब है कि, 1960 के दशक का लीला सिनेमा हॉल जिसे बाद में एक सामाजिक-सांस्कृतिक केंद्र में बदल दिया गया और सिविक सेंटर का नाम दिया गया, पिछले 5 दशकों से एक सांस्कृतिक केंद्र रहा है, एक ऐसा स्थान जहाँ शहर की सांस्कृतिक आत्मा बस्ती है और आवाज़ को बुलंद करती है । इस्पात नगरी की सांस्कृतिक धरोहर सिविक सेंटर का अंतिम जीर्णोद्धार 2005 में आर.एस.पी. के तत्कालीन प्रबंध निदेशक डॉ. सनक मिश्रा के नेतृत्व में किया गया था। श्री भौमिक के मार्गदर्शन में अब इसे एक आधुनिक ऑडिटोरियम में बदल दिया गया है, जिसमें लकड़ी के फर्श वाला मंच, नवीनीकृत ग्रीनरूम, उन्नत प्रकाश व्यवस्था और ध्वनि प्रणाली, त्रुटिहीन ध्वनिकी, अग्नि सुरक्षा प्रणाली, एक प्रकाश और ध्वनि नियंत्रण कक्ष, प्रोजेक्टर सुविधा के साथ एक साइक्लोरमा स्क्रीन और स्टाइलिश अंदरूनी भाग शामिल हैं, जो राउरकेला के कला और संस्कृति प्रेमियों के बीच इसके महत्व को और बढ़ाता है। उन्नत सिविक सेंटर राउरकेला इस्पात संयंत्र की इस भूमि की सामाजिक-सांस्कृतिक विरासत के प्रति प्रतिबद्धता का प्रमाण है।