सेल, राउरकेला इस्पात संयंत्र के रॉ मैटेरियल हैंडलिंग प्लांट में एक नए फुलवाड़ी ‘विहंगम उद्यान’ का उद्घाटन

Spread the love

राउरकेला। सेल, राउरकेला इस्पात संयंत्र (आरएसपी) के रॉ मैटेरियल हैंडलिंग प्लांट (आरएमएचपी) में पक्षियों के साथ एक नए और आकर्षक फुलवाड़ी ‘विहंगम उद्यान’ का उद्घाटन 12 जून 2024 को कार्यपालक निदेशक (वर्क्स), श्री एस आर सूर्यवंशी द्वारा किया गया। श्री सूर्यवंशी ने इस अवसर पर उद्यान के केंद्र में स्थापित ग्लोब के आकार के विशाल स्टील के घोंसले में ‘जावा फिंच’ नामक पक्षियों को छोड़ा। उन्होंने उद्यान में एक पौधा भी लगाया। इस अवसर पर प्लांट के कई मुख्य महाप्रबंधक, विभागाध्यक्ष और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। 

श्री सूर्यवंशी ने उद्यान विकसित करने और विभाग के आसपास हरित क्षेत्रों का विस्तार करने के कर्मीसमूह के  निरंतर प्रयासों के लिए आरएमएचपी टीम की सराहना की। उन्होंने क्षेत्र के परिवर्तन पर प्रकाश डाला और इस बात पर जोर दिया कि स्वच्छ, हरा-भरा और सुखद वातावरण न केवल कार्यस्थल को बेहतर बनाता है बल्कि उत्पादकता को भी बढ़ाता है। 

आरएमएचपी टीम ने मुख्य सड़क के किनारे और आरएमएचपी मुख्य नियंत्रण कक्ष भवन के पास कन्वेयर बीसी 218 के नीचे पहले से उगे घास-फूस और अव्यवस्थित भूमि के हिस्से को इस खूबसूरत बगीचे में बदल दिया है। यह क्षेत्र, जो कभी जंगली पौधों, जमा हुए रिसाव और स्क्रैप से भरा था और मच्छरों, साँपों और सरीसृपों का अड्डा हुआ करता था, उसे पूरी तरह से साफ और पुनर्जीवित किया गया है। विशेषत: टीम ने उद्यान को विकसित करने के लिए आन्तरिक संसाधनों और पुनर्प्रयुक्त अपशिष्ट पदार्थों का उपयोग कर इस प्रयास को सार्थक बनाया है । बगीचे में पग-पथ के निर्माण में पुराने रिफ्रैक्टरी स्टोर से पुरानी, ​​अस्वीकृत रिफ्रैक्टरी ईंटों और एम्एसडीएस-III की पुरानी टाइलों का उपयोग किया गया है । बगीचे के बीचो-बीच ब्लास्ट फर्नेस आईएनबीए से प्राप्त पुराने मुड़े तार से निर्मित एक बड़ा, ग्लोब के आकार का पक्षी आशियाना है। स्टील ग्लोब उद्यान, क्रोटन, कैसुरिना पौधों, ताड़ के पेड़ों, नारियल के पेड़ों, लिली और अन्य मौसमी फूलों से सजा हुआ है। यह स्मारक आरएमएचपी कर्मचारियों द्वारा स्क्रैप और अप्रयुक्त स्टील से तैयार किए गए तितलियों और पक्षियों से भी सुशोभित है। 

पक्षियों के आशियाने और स्मारकों के साथ इस उद्यान की संकल्पना सहायक महाप्रबंधक (ऑपरेशन), एन.सी. पात्र और सहायक महाप्रबंधक (मैकेनिकल), एस भंजदेव द्वारा की गई थी। इस परियोजना को आरएमएचपी कर्मचारियों की एक टीम द्वारा क्रियान्वित किया गया जिसमें एम.आर. पंडा, . पी सी पात्र, . के सी बराल, . डी बिरगंथिया, . पी सिंह, आर.के. बारिक, बी. ओराम, एम आर सामंत, एस के तांती, सी रोहिदास, एस के गोखरा, . ए पूर्ति, बी एस पात्र और बी डी बेहरा शामिल थे I उन्हें वरिष्ठ प्रबंधक आरएमएचपी (विद्युत) बी.के. बेहरा और वरिष्ठ प्रबंधक सिविल इंजीनियरिंग (सेवाएँ), अनम बेहरा से आवश्यक सहायता मिली। 

बागवानी इकाई ने उप महाप्रबंधक (बागवानी), डॉ. अविजित बिस्वास के नेतृत्व में मलमली हरित घास क्षेत्रों को विकसित करने में मदद की । आरएमएचपी कर्मीसमूह इस तरह की पहल के माध्यम से संयंत्र की हरियाली और सुंदरता को बढ़ाने के लिए प्रयासरत है, जिसका लक्ष्य अधिक सौंदर्यपूर्ण और आकर्षक कार्य वातावरण बनाना है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.