जिलाधिकारी  द्वारा फाइलेरिया की दवा खाकर आई०डी०ए० एम०डी०ए० कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया 

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चन्दौली/ जिलाधिकारी  निखिल टी फुंडे द्वारा  फाइलेरिया की दवा खाकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। जिलाधिकारी ने बताया कि हाथीपांव से बचने के लिए दवा खाएं और बीमारी से सुरक्षित रहें। जिलाधिकारी  ने बताया की करीब 20 लाख आबादी को दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया है। आज से टीम द्वारा घर-घर जाकर दवा खिलायी जायेगी। जिले में 10 अगस्त से राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम आई०डी०ए० एम०डी०ए० शुरु हो गया है। यह अभियान 28 अगस्त तक चलेगा। आज महेंद्र टेक्लिकल इंटर कॉलेज के बच्चों व अध्यापकों के मौजूदगी में जिलाधिकारी  निखिल टी फुंडे ने स्वंय फाइलेरिया से बचाव की दवा खाकर फाइलेरिया उन्मूलन ट्रिपल ड्रग थेरेपी कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस मौके पर जिलाधिकारी  ने लोगों से अपील की कि फाइलेरिया बीमारी से बचाव के लिए दवा का सेवन जरूर करें। फाइलेरिया बीमारी से बचाव के लिए अभियान के दौरान घर-घर जा रहे स्वास्थ्यकर्मी के सामने दवा का सेवन जरूर करें। दवा के सेवन से ही फाइलेरिया बीमारी से पूरी तरह मुक्ति मिल पायेगी। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ वाई के राय, नोडल अधिकारी डॉ हेंमत कुमार प्रधानाचार्य प्रमोद कुमार सिंह, डीएमओ पीके शुक्ला एवं सहायक मलेरिया राजीव सिंह,अन्य कर्मचारियों ने भी दवा का सेवन किया। इस दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ वाई के राय ने कहा कि हमें जिले से ही नहीं इस प्रदेश से फाइलेरिया रोग का उन्मूलन करना है। इस अभियान को सफल बनाने के लिए सभी को साथ आना होगा। इसके लिए अभियान के दौरान घर जाने वाले स्वास्थ्यकर्मी का सहयोग के साथ सामने ही दवा का सेवन करना है। क्योंकि हाथीपाँव हो जाना यानी पैरों में सूजन हो जाने के बाद पूरे जीवन इस बीमारी के साथ ही जीना होगा।

यह बीमारी न सिर्फ पैरों सूजन एवं महिलाओं के स्तन में सूजन साथ ही पुरूषो के अण्डकोष में सुजन आ जाता है। फाइलेरिया लक्षण 5 से 15 साल में दिखाई देते हैं। इस लिए अभियान में शामिल होकर दवा का सेवन करें। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ वाई के राय ने बताया जनपद का बरहनी ब्लाक ट्रांसमिशन असेसमेंट सर्वे (टास) में फाइलेरिया मुक्त घोषित हो चुका है, इसलिए यहाँ आईडीए अभियान नहीं चलेगा। इसके अलावा ब्लाक चंदौली सदर, चहानियाँ, चकिया, धानापुर, नियामताबाद, नौगढ़, शहाबगंज, सकलडीहाँ, डीडीयू नगर में आईडीए अभियान चलेगा, जिसमें सभी को फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाई जाएगी। जिला मलेरिया अधिकारी पी0के0 शुक्ला ने बताया यह क्यूलेक्स मादा मच्छर के काटने से फैलता है। जब यह मच्छर किसी फाइलेरिया ग्रस्त व्यक्ति को काटता है तो वह संक्रमित हो जाता है। फिर यही मच्छर रात में किसी भी स्वस्थ व्यक्ति को काटकर उसको संक्रमित कर देता है। यानि फाइलेरिया रोग के परजीवी रक्त के जरिए स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर उसे भी फाइलेरिया रोग से ग्रसित कर देते हैं। ज्यादातर संक्रमण अज्ञात या मौन रहते हैं और लंबे समय बाद इनका पता चलता है। इस बीमारी का कारगर इलाज नहीं है। इसकी रोकथाम ही इसका समाधान है। सहायक मलेरिया अधिकारी राजीव सिंह ने इस अभियान के विषय में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि आशा, आशा संगिनी और आँगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को फाइलेरिया की दवा खिलाएँगी। एक वर्ष से कम आयु के बच्चों एवं गर्भवती और गंभीर बीमारी से ग्रसित लोगों को दवा का सेवन नहीं करना है।

अभियान को सफल बनाने के लिए शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में दो साल से ऊपर 20 लाख आबादी को दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया है जिसमें पूरे जनपद में 27 बूथ एवं 1600 टीमें व 300 सुपरवाइजर की टीम गठित की गई है। यह टीमें घर-घर जाकर जन समुदाय को उम्र एवं लंबाई के अनुसार अपने सामने दवा खिलाएँगी। दवा किसी को वितरित नहीं कि जाएगी। उन्होंने बताया कि साल में एक बार दवा के सेवन से इस बीमारी से बचाव किया जा सकता है। फाइलेरिया से बचाव-मच्छरो से बचने के लिए मच्छर दानी का प्रयोग करें, घर के आस-पास कूडे को इकठ्ठा न होने दें, कूड़ेदान का प्रयोग करे, आसपास पानी न जमा होने दें, गन्दे पानी में जला हुआ मोबिल या तेल डाल दें, चोट या घाव वाले स्थान को हमेशा साफ रखें, पूरी बाजू का कपड़ा पहने। इस अवसर पर सम्बन्धित सभी विभागों अधिकारी तथा कर्मचारी तथा कालेज के अध्यापक तथा छात्र आदि शामिल रहे।

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