स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी स्कूल दरभा की छात्रा के प्रश्न पर मुख्यमंत्री ने बताया स्वामी आत्मानंद स्कूल शुरू करने के पीछे क्या थी उनकी कल्पना, दरभा की टॉपर बेटी शाजिदा ने फर्राटेदार अंग्रेजी में मुख्यमंत्री से बात की, 90.8 प्रतिशत अंकों से टॉप करने का श्रेय मुख्यमंत्री को दिया, मुख्यमंत्री ने शाजिदा को दीं बधाई और शुभकामनाएं
रायपुर, / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बस्तर के दरभा ब्लॉक के गांव मंगलपुर में भेंट मुलाकात कार्यक्रम के दौरान छात्रा शाजिदा के पूछने पर स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी स्कूल शुरू करने के पीछे की अपनी कल्पना सभी के साथ साझा की। उन्होंने कहा कि मैं भी गांव के स्कूल में पढ़ा हूँ, जब मैं स्कूल में पढ़ता था, उस समय से मेरे दिमाग मे ये बात थी कि गांव के स्कूलों में वही सुविधा मिलनी चाहिए जो शहरों में मिलती है। मैं जब मिडिल स्कूल और हाई स्कूल में पढ़ता था और कभी दुर्ग-भिलाई जाता था, तो वहां की पढ़ाई देखता था। वहां लोग कोचिंग क्लास जाते थे। हमें गांव में ट्यूशन भी नहीं मिलता था। जब हमारी सरकार बनी और कोरोना काल था, मैंने अधिकारियों को बुलाकर पूछा कि छत्तीसगढ़ को बने 20 साल हो गए, क्या कोई ऐसा स्कूल बना, जिसमें आपके भी बच्चे पढ़ें। शासकीय शिक्षक खुद अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाते थे। हमने रायपुर से शुरुआत की। पहले 3 स्कूल शुरू किए। फिर पहले साल 121 स्कूल खोले, अब 50 स्कूल भी बढ़ा दिए और सीट भी।
गांव के बच्चों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं– मुख्यमंत्री ने कहा कि गांव के बच्चों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं, कमी है अवसर की। गांव का व्यक्ति जब मुख्यमंत्री बन सकता है। गांवों में प्रतिभा की कमी नहीं है। सभी बच्चों को अवसर मिले ये हमारा प्रयास है। सरकार की योजना का लाभ शहर के बच्चों के साथ गांव के बच्चों को भी मिलना चाहिए।
शाजिदा ने दिया मुख्यमंत्री को अपनी सफलता का श्रेय- स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल दरभा की छात्रा शाजिदा ने फर्राटेदार अंग्रेजी में मुख्यमंत्री से बात करते हुए उन्हें अपनी सफलता का श्रेय दिया। शाजिदा ने कहा कि मैंने दसवीं कक्षा में 90.8 प्रतिशत अंकों के साथ बस्तर के सभी आत्मानन्द स्कूलों में सर्वाेच्च स्थान प्राप्त किया है। मैं आपको धन्यवाद देना चाहती हूं, क्योंकि आपने हमें ये स्कूल दिया है। इस स्कूल से गरीब बच्चों की बहुत हेल्प हुई है। मैंने कभी नहीं सोचा था कि हमको दरभा जैसी जगह में ऐसा स्कूल मिलेगा। इससे पहले मैं कॉन्वेंट स्कूल में पढ़ने रोज 20 किलोमीटर का सफर तय कर के दरभा से जगदलपुर जाती थी। वहां मुझे वो सुविधाएं नहीं मिलती थी, जो यहां मिल रही हैं। घर के नज़दीक स्कूल होने की वजह से आने जाने में जो समय बचा उसका उपयोग मैंने अपनी पढ़ाई में किया। शाजिदा ने मुख्यमंत्री को अपने स्कूल की मैगज़ीन भी भेंट की और उनके संग सेल्फी भी ली।