जिलाधिकारी ने जिला संयुक्त अस्पताल का किया निरीक्षण, व्यवस्थाओं को परखा, निरीक्षण के दौरान सुविधा शुल्क लिए जाने का मामला संज्ञान में आने पर फार्मासिस्ट के खिलाफ कड़ी कार्यवाही के दिये निर्देश ,कतिपय चिकित्सकों के लंबे समय से अनुपस्थित रहने को बेहद गंभीरता से लेते हुए मुख्य चिकित्सा अधीक्षक से रिपोर्ट तलब कर , की जाएगी अनुशासनात्मक कार्रवाई
चंदौली/ जिलाधिकारी संजीव सिंह द्वारा आज संयुक्त जिला चिकित्सालय चकिया का निरीक्षण किया गया। उपस्थित मुख्य चिकित्सा अधीक्षक एवं चिकित्सकों को निर्देशित करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि शासन की मंशा के अनुरूप मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो इसके लिए चिकित्सालय में समस्त आवश्यक प्रबंध सुनिश्चित रहे। मरीजों का बेहतर से बेहतर इलाज किया जाए। प्रतिदिन मरीज के बेड पर बेडशीट साफ सुथरा हो।चिकित्सक इलाज में कोई लापरवाही या टाल मटोल न करें। जांच के नाम पर मरीजों व तीमारदारों को परेशान न किया जाए। चिकित्सालय में समस्त आवश्यक दवाओं का पर्याप्त प्रबंध रहे बाहर की दवा कतई न लिखी जाए यह सुनिश्चित करें। अन्यथा शिकायत मिलने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने एक्सरे कक्ष, पुरुष व महिला वार्ड, औषधि भंडार, पंजीकरण कक्ष, ऑपरेशन कक्ष सहित अन्य कक्षों का निरीक्षण कर मशीनों एवं फाइलों की रखरखाव को देखकर निर्देशित करते हुए कहा कि फाइलों को सुव्यवस्थित ढंग से रखा जाए, चिकित्सा उपकरणों का समुचित प्रयोग किया जाय। पुरुष वार्ड में निरीक्षण के दौरान भर्ती मरीजों से हाल-चाल व दवाओं के बारे में पूछताछ कर जानकारी ली। लेबर रूम में समस्त आवश्यक व्यवस्थाएं दुरुस्त रखने के निर्देश जिलाधिकारी ने दिए। मेडिसिन स्टोर में दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित रखने के साथ ही व्यवस्थित रखे जाने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान ग्राम भीसमपुर निवासी छोटी बच्ची नैना के परिजन द्वारा बच्चे के हाथ का प्लास्टर कराए जाने के एवज में फार्मासिस्ट मनीष कुमार पर सुविधा शुल्क लिए जाने का आरोप लगाया गया। बताया गया कि फार्मासिस्ट ने प्लास्टर बनवाने के 270 रू0 लिए लेकिन उसकी रशीद नही दी गई। जिस पर जिलाधिकारी ने बेहद कड़ा रुख अपनाते हुए मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को प्रकरण की जांच कराकर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। कहा कि यदि प्रकरण सही पाया गया तो कठोर कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी। साथ ही जिलाधिकारी ने कड़े निर्देश देते हुए कहा की इलाज के नाम पर धन उगाही का मामला संज्ञान में आया तो संबंधित को बख्शा नहीं जाएगा, कठोर कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान बाल रोग विशेषज्ञ डॉ0 पीएन यादव द्वारा लंबे समय से अनुपस्थित रहने एवं चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ पूर्णिमा द्वारा ज्वाइन करने के बाद से ही अनुपस्थित रहने पर बेहद नाराजगी जताते हुए मुख्य चिकित्सा अधीक्षक से रिपोर्ट तलब की। कहा कि बिना उचित कारण के चिकित्सकों के अनुपस्थित रहने का मामला बेहद गंभीर है ,कठोर कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी। उपस्थिति पंजिका के अवलोकन पर डॉ0 एस के सिंह व डॉ0 अनूप कुमार अनुपस्थित पाये गये। जिस पर जिलाधिकारी ने अनुशासनात्मक कार्यवाही के निर्देश दिये।
जिलाधिकारी ने बताया कि निरीक्षण के दौरान अनुपस्थित/अनियमित रहने वाले चिकित्सक के खिलाफ कार्यवाही एवं ऐसे समस्त प्रकरण के विषय में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक से आख्या उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। जिसके आधार पर कठोर/ अनुशासनात्मक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी । जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को निर्देशित करते हुए कहा कि चिकित्सालय में बायोमेट्रिक अटेंडेंस मशीन का प्रयोग सुनिश्चित करें तथा लापरवाह लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करें। जिलाधिकारी ने अस्पताल के निरीक्षण के दौरान कहा कि प्रतिदिन साफ-सफाई व्यवस्था हो, अस्पताल में जगह-जगह पर्याप्त डस्टबिन रखा जाए। और उसका उपयोग किया जाए। इस अवसर पर मुख्य चिकित्साधिकारी वाई के राय, जिला विकास अधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, सहित अन्य अन्य चिकित्सक/कर्मचारी गण उपस्थित रहे।