प्रयागराज| ( मनोज पाण्डेय) भारतीय सांस्कृतिक परिषद् के मेला क्षेत्र, काली सडक स्थित शिविर में पं0 फूलचन्द्र दुबे जी की पुण्य स्मृति में चल रही सांस्कृतिक यात्रा की श्रृंखला में संत सम्मेलन एवं प्रतिभा सम्मान समारोह सम्पन्न हुआ। संत सम्मेलन की अध्यक्षता श्री श्री 1008 स्वामी श्री हरिचैतन्य ब्रह्मचारी ( टीकरमाफी ) व मुख्य अतिथि जगदगुरु रामानुजाचार्य वासुदेवानन्द जी महाराज अयोध्याधाम, जगदगुरु रामानुजाचार्य स्वामी सुदर्शनाचार्य, जगदगुरु स्वामी घनश्यामाचार्य, स्वामी जगदगुरु अखिलेश्वराचार्य जी महाराज, स्वामी जनार्दन दास जी महाराज, स्वामी रामदास जी महाराज, स्वामी ओमानन्द जी महाराज, स्वामी जानकीदास जी महाराज, स्वामी विश्वेश्वरानन्द जी महाराज, स्वामी सत्यदेव जी महाराज, स्वामी समर्थ रामदास जी महाराज, स्वामी संकर्षणाचार्य जी महाराज, स्वामी श्री रमेश तांत्रिक जी आदि पूज्य संतों के समागम एवं आशीर्वचन प्राप्त हुये।
“सम्मान समारोह” के मुख्य अतिथि *माननीय न्यायमूर्ति श्री विपिन चन्द्र दीक्षित* एवं पं श्री रामनरेश तिवारी “पिण्डीवासा” ने पूज्य पं श्री फूलचन्द्र दुबे जी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर अपनी श्रद्धाँजलि अर्पित की, एवं दीपप्रज्वलित कर समारोह का उद्घाटन किया। संस्था द्वारा आमंत्रित विशिष्ट क्षेत्रों में योगदान प्रदान करने वाली विभूतियों को पुष्प,अंगवस्त्रम् एवं सम्मान पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया एवं उनके उत्कृष्ट कार्यों की भूरि-भूरि प्रशंसा की। सम्मानित होने वाली प्रतिभाओं में सर्व श्री प्रोफेशर गिरीश चन्द्र त्रिपाठी अध्यक्ष उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग, प्रोफेशर पंकज श्रीवास्तव NIT प्रयागराज, श्री नरेश वैश्य, डाॅ नीलिमा मिश्रा IIIT प्रयागराज, सीमागुप्ता प्रवक्ता डी पी गर्ल्स कालेज, जनकवि प्रकाश जी, डाॅ रंजन बाजपेयी दन्त चिकित्सक, श्री राजू मरकरी, श्री राजेन्द्र तिवारी दुकान जी, डाॅ चिरञ्जीवी शर्मा, पं विद्याधर मिश्र, श्री सुरमनि वर्मा प्रख्यात सितारवादक, श्री कविन्द्र प्रताप सिंह IG, श्री आदर्श रामलीला कमेटी , बलीपुर करछना, डाॅ सुबोध जैन, आदि गणमान्य जन रहे।
परिषद् के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री दुर्गेश दुबे, श्री कमलेश दुबे, श्री रत्नेश दुबे , श्री सुधीर द्विवेदी, सतीश कुमार गुप्त, डाॅ अनन्त कुमार गुप्त, शिवांगी मिश्रा,डाॅ बी के सिंह,श्री धनंजय सिंह किसान यूनियन, आदि परिषद के सदस्य , पदाधिकारियों ने समस्त सन्तों एवं अतिथियों का सम्मान किया। पूज्य संतों को भगवान अक्षयवट् का चित्र एवं पुष्प तथा अंगवस्त्रम प्रदान कर अभिनन्दन किया एवं शुभाशीष प्राप्त किया।
पूज्य संतों एवं विशिष्ट अतिथियों ने *सनातन धर्म की रक्षा* हेतु जनमानस का आह्वान किया। मुख्यतया नारीशक्ति को आगे आकर देवी के स्वरूप में धर्म की रक्षा का आह्वान किया। प्राचीन सनातन ग्रन्थों के दर्शन और उसकी पौराणिकता पर व्यंग्य करने वालों पर तीखा प्रहार किया। समारोह का संचालन डाॅ शम्भूनाथ त्रिपाठी ‘अंशुल’ जी ने कुशल संचालन से उपस्थित जनमानस के हृदय को स्पर्श किया। श्री दुर्गेश दुबे ने समस्त माननीय अतिथियों के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित किया।