अपने वाणी और ब्यवहार से महात्मा गाधी के विचारों की हत्या करने वालों को इतिहास कभीं माफ नहीं करेगा 

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वाराणसी । वाणी और ब्यवहार दोनों से महात्मा गाधी के विचारों की  सतत  हत्या करने वाले ढोगियों को ईतिहास  कभीं माफ नहीं करेगा।
     उक्त विचार  आज इंगलिशिया लाइन स्थित पंडित कमलापति त्रिपाठी फाउंडेशन के कार्यालय में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जन्मतिथि पर  उन्हें  और पूर्व  प्रधान मंत्री स्वर्गीय लालबहादुर  शास्त्री जी को याद करते हुये एक संगोष्ठी में वक्ताओं द्वारा ब्यक्त  किया गया । वक्ताओं ने आगे कहा कि युगपुरुष  महात्मा गांधी का विचार और चिन्तन एक ओर जहां पूरी दुनियां का पथ प्रदर्शन कर रहे हैं तो, वहीं दुर्भाग्य  बस कतिपय लोगों द्वारा  अपने ही देश में गांधी जी के मानवता , प्रेम और भाईचारे  के दर्शन  को मिटाने की कुचेष्टा  हर स्तर पर की जा रही है।  कदाचित इन अतिवादी ताकतों को इस बात का एहसास नहीं है कि गांधी और उनके विचार  जितने कल प्रासंगिक  थे उतने ही आज भी हैं और कल भी प्रासंगिक  रहेंगे ।
कहते हैं कि  गाधी कभीं नहीं मरते , उन्होंनें   विश्व  कल्याण  के लिये  सत्य अहिंसा और प्रेम के जिस मानवतावादी चिन्तन  को दुनियां को दिया है,  वह चिन्तन युगों युगों तक  दुनियां को रास्ता दिखाता रहेगा ।

काशी के सपूत लालबहादुर शास्त्री जी ने राजनीति में जो आदर्श प्रस्तुत किया वह स्वर्णाक्षरों में लिखा गया है| उन्होंने जय जवान जय किसान का नारा देकर आत्मनिर्भर भारत की आधारशिला रखी| विचार  गोष्ठी की अध्यक्षता वरिष्ठ  नेता  विजयशंकर पान्डेय  ने और संचालन बैजनाथ सिंह  ने किया  विचार  गोष्ठी में सर्व श्री राधेश्याम सिंह, भूपेंद्र प्रताप सिंह ,डॉ प्रेम शंकर पांडे , आनन्द  मिश्रा, हरेन्द्र  शुक्ल, मनोज  चौबे,   संजय हिटलर,संजय तिवारी,  ब्रम्हदेव  मिश्रा, पुनीत मिश्रा, कमलाकान्त  पान्डेय,अशोक कुमार पान्डेय , निशांत  ओझा , उदय सिंह,  समीर अली,विवेक सिंह,  गौरीशंकर मौर्या,  मोहम्मद  अरशद,पिन्टू शेख आदि  ने भी  विचार प्रकट किया । प्रारम्भ  में गांधी और शास्त्री जी के चित्र  पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गयी ।

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