इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने बुधवार को राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) से NEET (राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा) परिणाम घोषित न होने से परेशान एक छात्रा के मूल रिकॉर्ड पेश करने को कहा।
पीठ ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 18 मई को तय की है। न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान की अवकाशकालीन पीठ ने छात्रा आयुषी पटेल द्वारा दायर याचिका पर यह आदेश दिया है।
याचिकाकर्ता ने कहा कि एनटीए द्वारा उसका नीट परीक्षा परिणाम इस आरोप के चलते घोषित नहीं किया गया है कि उसकी ओएमआर शीट फटी हुई स्थिति में पाई गई थी। याचिकाकर्ता ने मांग की है कि उसकी ओएमआर शीट का मूल्यांकन ‘मैन्युअल’ रूप से किया जाए। उसने एनटीए के खिलाफ जांच करने और परीक्षा के लिए ‘काउंसलिंग’ रोकने का भी अनुरोध किया है।
याचिकाकर्ता ने एनटीए पर आरोप लगाया है कि उसकी ‘ओएमआर शीट’ सही-सलामत स्थिति में थी लेकिन एनटीए ने उसे एक ईमेल संदेश भेजा कि उसका परिणाम घोषित नहीं किया जाएगा क्योंकि उसकी ‘ओएमआर शीट’ फटी हुई पाई गई है।
याचिका का विरोध करते हुए एनटीए ने याचिकाकर्ता की मूल ‘ओएमआर शीट’, ‘स्कोर कार्ड’ और उपस्थिति पत्रक पेश किया तथा कहा कि यह समझना मुश्किल है कि इसके बावजूद याचिकाकर्ता आवेदन संख्या 240411840741 से ई-मेल क्यों भेज रहा था।
सुनवाई के दौरान अदालत ने यह पाया कि छात्रा की ‘ओएमआर शीट’ में भरी आवेदन संख्या उसके द्वारा भेजे गए ई-मेल से अलग पाई गई है। अदालत ने दोनों पक्षों को अगली सुनवाई पर मूल रिकार्ड पेश करने का आदेश घोषित किया है।