प्रदेश में संस्कृति नीति बनाने की तैयारी अंतिम चरण में ड्राफ्ट तैयार, 1500 ग्राम सभाओं को वाद्ययंत्र वितरित
संस्कृति विभाग की समीक्षा बैठक सम्पन्न
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा है कि प्रदेश की लोक संगीत हमारी संस्कृति की अनमोल धरोहर है। इसलिए लोक संगीत एवं कलाकारों को संरक्षित करना जरूरी है। लोक संगीत को संरक्षण देने की उदासीनता के कारण ही बहुत-सी लोक कलाएं एवं संगीत विलुप्ति की कगार पर पहुंच चुकी हैं। गत वर्ष कलाकारों के मानदेय भुगतान में काफी शिकायतें प्राप्त हुई हैं। इसके लिए एक जांच कमेटी कठित करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी दशा में कलाकारों का शोषण और उत्पीड़न बर्दास्त नहीं किया जायेगा। प्रत्येक पंजीकृत कलाकार को साल में तीन कार्यक्रम आवंटित किये जायेंगे। कार्यक्रम से पूर्व उनके पारिश्रमिक का 50 प्रतिशत अग्रिम तथा शेष धनराशि कार्यक्रम सम्पन्न होने के बाद सीधे उनके खाते में स्थानान्तरित की जायेगी।
श्री सिंह ने कहा कि प्रदेश की कोई सुव्यवस्थिति संस्कृति नीति नहीं थी। लोक कलाओं तथा सांस्कृतिक आदान-प्रदान तथा समृद्ध विरासत को बचाये रखने के लिए संस्कृति नीति का ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है। इसके लिए विभिन्न संस्थाओं के विशेषज्ञों के सुझाव प्राप्त किये गये हैं। प्रदेश के संस्कृति विभाग लोक कलाओं को संरक्षण देने तथा सांस्कृतिक आदान-प्रदान के लिए एक कारगर कार्ययोजना एक सप्ताह के अंदर बनाये जाने के निर्देश दिए गए हैं। प्रदेश की संस्कृति का अमिट संदेश नई पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए प्रदेश सरकार सांस्कृतिक कार्यक्रमों पर जोर दे रही है। उन्होंने कहा कि लोक संगीत तथा इससे जुड़े कलाकारों को रोजी-रोटी की व्यवस्था के लिए अब तक 1500 ग्राम सभाओं को वाद्ययंत्र के सेट वितरित किए गए हैं। अवशेष ग्राम सभाओं को भी इस योजना से आच्छादित किया जायेगा।
श्री सिंह ने सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने तथा युवाओं को जोड़ने के लिए देशभर की प्रतिष्ठित संस्थाओं से समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है। उन्होंने सभी समझौता ज्ञापनों की समीक्षा करते हुए कहा कि समझौता ज्ञापन का परिणाम धरातल पर दिखना चाहिए। उन्होंने कहा कि समझौते की विभिन्न गतिविधियां लगातार चलनी चाहिए। इसके साथ ही वित्तीय अनुशासन का पालन भी किया जाना चाहिए। उन्होंने सभी समझौता ज्ञापनों की अब तक की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
पर्यटन मंत्री ने संस्कृति विभाग के अधीन आने वाली सभी संस्थाओं तथा अकादमियों का बिन्दुवार समीक्षा की, उन्होंने निर्देश दिए कि खाली पदों को शीघ्र भरा जाए। इसके साथ ही संस्थान अपने माध्यम से ऐसे नवाचार तथा गतिविधियों पर जोर दें, जिससे उत्तर प्रदेश में अधिक से अधिक पर्यटक आ सकें। उन्होंने कहा कि घरेलू पर्यटकों के आवक में प्रदेश पहले स्थान पर है। एक पर्यटक छः लोगों को रोजगार देता है। प्रदेश की अर्थव्यवस्था में इसका महत्वपूर्ण योगदान है। इसको देखते हुए सभी अकादमी एवं संस्थान पर्यटक गतिविधियों को बढ़ावा दें। उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन के समय उत्तर प्रदेश संस्कृति प्रोत्साहन परिषद के नामित सदस्यों को अनिवार्य रूप से आमंत्रित किया जाए। उन्होंने कहा कि हर संस्थान और अकादमी के भवन एवं अन्य निर्माण भव्य और दिव्य दिखाई दे इसके लिए भी कार्ययोजना तैयार की जाए।
पर्यटन मंत्री ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में मूर्ति निर्माण की अद्यतन स्थिति की भी गहन समीक्षा की। उन्हें बताया गया कि 34 में से 22 मूर्तियां अब तक तैयार की गईं हैं। शेष पर कार्य प्रगति पर है। उन्होंने कहा कि पृथ्वीराज चौहान, भारत रत्न अटल विहारी वाजपेयी, डॉ0 भीमराव अम्बेडकर, महर्षि वाल्मिकी तथा महाराजा दक्ष प्रजापति की प्रतिमा स्थापित कर दी गई है। इसके अलावा पं0 दीनदयाल उपाध्याय, महायोगी गोरखनाथ, महाराणा प्रताप, लौह पुरूष सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा तैयार हो गई है। बैठक में मौजूद प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति श्री मुकेश कुमार मेश्राम ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि निर्माणाधीन योजनाओं, विभिन्न कार्ययोजनाओं के ड्राफ्ट तथा भवनों के सौन्दर्यीकरण का कार्य माननीय मंत्री जी के निर्देशों के अनुरूप पूरा किया जाए। इसके साथ ही समयबद्धता एवं वित्तीय अनुशासन का हर स्तर पर पालन किया जाए।
बैठक में पर्यटन सलाहकार जे0पी0 सिंह के अलावा संस्कृति विभाग की सहायक निदेशक रीनू रंग भारती एवं बड़ी संख्या में विभागीय अधिकारी मौजूद थे।