दुर्ग।भिलाई इस्पात संयंत्र के निगमित सामाजिक उत्तरदायित्व विभाग (सीएसआर) द्वारा संचालित भिलाई स्थित ज्ञानोदय छात्रावास का विलय, राजहरा माइंस स्थित चित्रकोट छात्रावास में होने जा रहा है। यह निर्णय छात्रावास के बच्चों को और भी बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के उद्देश्य से लिया गया है। इसका मुख्य कारण है, कि इन छात्रावासों में वनांचल क्षेत्र के विद्यार्थियों की संख्या अधिक होती है। छात्रावास के विलय से उन्हें और भी आसानी होगी, वनांचल क्षेत्रों में शिक्षा का स्तर बढ़ेगा और लोग शिक्षा के प्रति जागरूक भी होंगे, जो उनके सम्पूर्ण विकास में सहायक होगा।
संयंत्र के सीएसआर विभाग द्वारा निम्न वर्ग को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से, भिलाई सेक्टर-5 में ज्ञानोदय छात्रावास और राजहरा में चित्रकोट छात्रावास स्थापित किये गये थे। भिलाई स्थित छात्रावास में संयंत्र के परिधीय क्षेत्र व वनांचलों में रहने वाले विद्यार्थियों को कक्षा 11वीं -12वीं में पढ़ने हेतु निःशुल्क आवास, शिक्षा, भोजन एवं अन्य सुविधाएँ उपलब्ध करायी जाती हैं। साथ ही संध्या काल में आईआईटी, जेईई, नीट की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों को निःशुल्क कोचिंग की सुविधा भी उपलब्ध करायी जाती है। इसके साथ ही उच्च शिक्षा हेतु सालाना 24000 रूपए की छात्रवृत्ति भी प्रदान की जाती है। छात्रावास प्रवेश प्रक्रिया के नियमानुसार 10वीं में 80 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों का चयन किया जाता है। वही संयंत्र की दूसरी शाखा राजहरा स्थित छात्रावास में कक्षा 6वीं से 10वीं तक के बच्चों को निःशुल्क आवास, शिक्षा, भोजन के साथ-साथ अन्य सुविधाएँ भी उपलब्ध करायी जाती है।
छात्रावास प्रभारी विजयनाथ वर्मा ने बताया कि छात्रावास में वर्तमान सत्र के कुल 26 छात्र हैं, जिनमें से केवल 10 छात्र शेष रह गए हैं, जो जेईई की परीक्षा तिथि तक छात्रावास में ही रहकर परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। इनकी कोचिंग की सुविधा छात्रावास में ही उपलब्ध करायी गयी है। परीक्षा की तैयारी से लेकर छात्रों को परीक्षा केंद्र तक पहुँचाने और वापस लाने के साथ ही भोजन एवं अन्य सुविधाएं उपलब्ध करने का दायित्व भिलाई इस्पात संयंत्र का है।
परीक्षा उपरांत भिलाई के ज्ञानोदय छात्रावास को राजहरा में स्थानांतरित कर दिया जाएगा, जहाँ एक ही छात्रावास में कक्षा 6वीं से 12वी तक के बच्चों को निःशुल्क आवास के साथ शिक्षा, भोजन एवं अन्य सुविधा उपलब्ध करायी जाएगी। संयंत्र इस्पात उत्पादन के साथ–साथ बेहतर शिक्षा प्रदान करने हेतु सुदृढ़ कदम बढ़ा रहा है। भिलाई इस्पात संयंत्र शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ऐसे ही नयी-नयी पहल का प्रयास करता रहता है, जिससे हर वर्ग, जाति, समुदाय के बच्चे अच्छी शिक्षा ग्रहण कर अपना सुनहरा भविष्य तैयार कर सके। संयंत्र के इन्ही प्रयासों का नतीजा है कि आज भिलाई, शिक्षा का हब है।
भिलाई इस्पात संयंत्र उन सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम में से एक है, जो भारत के आर्थिक विकास में योगदान करने के साथ-साथ शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत रहा है। बीएसपी की सफलता के अनेकों उदाहरण हैं, और ऐसे अनोखे पहल में से भिलाई स्थित ज्ञानोदय छात्रावास एक है। इस छात्रावास से पढ़कर निकले विद्यार्थीयों में से कुछ इंजिनियर बने तो कुछ पुलिस बल के अच्छे पद पर कार्यरत है। कई छात्रों का चयन आईआईटी में भी हुआ है। इन छात्रों की उपलब्धियां बीएसपी के शिक्षा जगत में सफलता को दर्शाती है और इनकी सफलता बीएसपी को ऐसे अनेक पहलों के लिए प्रेरित करती है।