अघोर पीठ श्री सर्वेश्वरी समूह आश्रम, पड़ाव में गुरुपूर्णिमा पर्व हर्षोल्लासपूर्वक मनाया गया

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पड़ाव, वाराणसी/ आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा तदनुसार रविवार, को वाराणसी के पड़ाव स्थित अघोर पीठ, श्री सर्वेश्वरी समूह संस्थान देवस्थानम्, अवधूत भगवान राम कुष्ठ सेवा आश्रम में गुरुपूर्णिमा पर्व श्रद्धा एवं भक्तिमय वातावरण में सोल्लास मनाया गया। अपने गुरुदेव का दर्शन-पूजन करने के लिए रात्रि लगभग 3 बजे से ही कतारबद्ध हो गए शिष्यों को अघोर पीठ के पीठाधीश्वर पूज्यपाद बाबा औघड़ गुरुपद संभव राम जी ने लगातार 4:30 घंटे बैठकर गुरुकृपा रुपी अमृत वर्ष की। पर्व को मनाने के क्रम में सर्वप्रथम लगभग 4:30 बजे सैकड़ों श्रद्दालुओं द्वारा अघोरेश्वर महाविभूति स्थल गंगातट तक एक प्रभातफेरी निकाली गई। प्रातःकालीन साफ-सफाई व श्रमदान के पश्चात् लगभग 7:00 बजे से परमपूज्य अघोरेश्वर भगवान राम जी के चिरकालिक आसन का पूजन पूज्यपाद बाबा जी ने किया।

इस बीच श्री सर्वेश्वरी समूह के मंत्री डॉ० एस०पी० सिंह जी ने सर्वेश्वरी ध्वजोत्तोलन किया। तदुपरांत सफलयोनि का पाठ अघोर शोध संस्थान के निदेशक श्री अशोक कुमार जी ने किया। लगभग 7:30 बजे पूज्यपाद बाबा अपने शिष्यों एवं अनुयायियों के दर्शनार्थ आसन पर विराजमान हुए। शिष्यों द्वारा हर-हर महादेव के जयघोष के साथ प्रारंभ हुआ दर्शन-पूजन 12:00 बजे तक अनवरत चला। गुरु-पूजन व दर्शन हेतु स्वनुशासित कतारबद्ध खड़े श्रद्धालुओं के लिए गर्मी को देखते हुए संस्था की तरफ से नीबू-चीनी-नमक युक्त सिकंजी तथा शीतल जल की व्यवस्था की गयी थी। दोपहर 12:30 बजे से प्रसाद प्रारंभ हुआ जो अनवरत 4:00 बजे तक चलता रहा। एक लाख से अधिक शिष्यों एवं श्रद्धालुओं ने गुरु दर्शन पूजन करके स्वयं को कृतार्थ किया। श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य सम्बन्धी किसी भी प्रकार की समस्या के समाधान हेतु संस्था के एक दर्जन से अधिक चिकित्सक अपनी सेवा दे रहे थे। मौसम ने भी करवट बदली थी और विगत दिनों से चल रही उमस भरी गर्मी से आज सुबह से ही राहत रही। सूरज छाता ओढ़े आगे बढ़ते रहे और पवन शीतल वायु का झंकोरा चलाकर शिष्यों के मानस-पटल को तरोताजा रखे रहे।

उल्लेखनीय है कि दर्शन-पूजन हेतु आने वाले अपार जनसमूह को सुगमता और सुव्यवस्थित तरीके से दर्शन लाभ दिलाने के लिए प्रशासन द्वारा सतर्कता और सजगता बरतते हुए विगत वर्षों की तरह पुराने जीटी रोड पर राजघाट पुल तक लग जाने वाली श्रद्धालुओं की कतार को पंडित दीनदयाल स्मृति स्थल पार्क में स्थानांतरित कर दिया गया था।

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