“सशक्त जनजाति सशक्त भारत” पर एनटीपीसी रिहंद में जनजातीय उत्सव का आयोजन
बीजपुर सोनभद्र। एनटीपीसी रिहंद में जनजातीय उत्सव का आयोजन 06 से 08 फरवरी तक किया जा रहा है, जिसका उद्घाटन राज्य मंत्री, समाज कल्याण, अनुसूची जाति एवं जनजाति विभाग, उत्तर प्रदेश संजीव कुमार गोंड ने फीता काटकर किया।
सशक्त जनजाति सशक्त भारत की मूल मान्यता को ध्यान में रखते हुए जनजातीय उत्सव का आयोजन किया जा रहा है, जिससे स्वदेशी संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन को बल प्रदान किया जा सके। यह “जनजातीय उत्सव” एनटीपीसी रिहंद, लोक एवं जनजाति कला एवं संस्कृति संस्थान, उत्तर प्रदेश और सेवा समर्पण संस्थान, चपकी के सहयोग से किया जा रहा है।
राज्य मंत्री नें जनजातीय उत्सव में बने जनजातीय गाँव का भ्रमण किया जिसमे जनजातीय समुदाय द्वारा ग्रामीण परिवेश में जीवंत प्रस्तुति का आयोजन भी किया गया। मुख्य अतिथि द्वारा ग्रामीण प्रवेश में जनजाति लोगों द्वारा प्रस्तुती का आनंद लिया गया और साथ ही उन्होने सभी जनजाति समुहों के साथ संवाद भी स्थापित किया।
इसी कड़ी में मुख्य महाप्रबंधक (रिहंद) ए के चट्टोपाध्याय ने मुख्य अतिथि राज्य मंत्री संजीव कुमार गोंड एवं विशिष्ट अतिथि सह संगठन मंत्री, सेवा समर्पण संस्थान, सेवाकुंज आश्रम, चपकी आनंद जी, ब्लॉक प्रमुख, म्योरपुर, मान सिंह गोंड, निदेशक, लोक एवं जनजाति कला एवं संस्कृति संस्थान, उत्तर प्रदेश, अतुल द्विवेदी एवं उपस्थित सभी लोगों का स्वागत करते हुए कहा कि एनटीपीसी रिहंद हमेशा से ही आस-पास के गाँव के लोगों के उत्थान हेतु समर्पित रहा है, और इसी कड़ी में 03 दिवसीय जनजातीय उत्सव का आयोजन जनजातीय समुदाय के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए किया जा रहा है।
माननीय राज्य मंत्री ने उपस्थित लोगो को संबोधित करते हुये कहा कि एनटीपीसी रिहंद बिजली के साथ-साथ अपने नैगम सामाजिक दायित्व के तहत विभिन्न कल्याणकारी कार्य करता आ रहा है जो परियोजना के आस-पास के ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के आर्थिक, सामाजिक एवं सामुदायिक विकास के लिए बहुत ही आवश्यक एवं लाभप्रद रहा है। एनटीपीसी रिहंद ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति, सफाई, शिक्षा, सामुदायिक विकास, तकनीकी एवं कौशल विकास प्रशिक्षण, स्वरोजगार एवं सामाजिक जागरूकता के महत्वपूर्ण कार्यों को विगत कई वर्षों से सफलतापूर्वक करते आ रहा है, और एनटीपीसी की यह पहल जनजातीय समुदाय को बढ़ावा और आम लोगो में जनजातीय समूह की सांस्कृतिक विरासत को लोगों से परिचित कराने में भी सहायक होगा।
तत्पश्चात सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति की गयी जिसमें कर्मा नृत्य, थारु – होली नृत्य, चौलर नृत्य एवं कजरी- लोकगीत गाया गया जिसका अतिथियों एवं दर्शकों ने जमकर लुत्फ उठाया। साथ ही इस उत्सव में अनेक प्रकार के रंगारंग कार्यक्रम हो रहे जैसे मैजिक शो, कठपुतली शो, रंगोली, चित्रकारी, बहरूपिया, आदिवासी खेल, आदिवासी पोशाक के साथ सेल्फी पॉइंट, लाइव पोर्ट्रेट्स, झूले, स्वादिष्ट व्यंजन आदि ।