जरांगे ने मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर इस साल दो बार अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल की थी। उन्होंने कहा कि सरकार को पहले इस मुद्दे को हल करने के लिए 40 दिन का समय दिया गया था लेकिन कुछ नहीं हुआ।
आरक्षण की मांग कर रहे सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने शुक्रवार को जोर देते हुए कहा कि मराठा आरक्षण की 80 फीसदी लड़ाई जीत ली गई है और आरक्षण की जंग अब अपने अंतिम चरण में हैं।
जरांगे ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार के पास मांग पूरी करने के लिए सिर्फ दो दिन बचे हैं। राज्य के मराठवाड़ा क्षेत्र में परभणी जिले के सेलु में खचाखच भरी एक रैली को संबोधित करते हुए जरांगे ने लोगों से सावधानी बरतने को कहा।
जरांगे ने कहा कि मराठा समुदाय के लिए आरक्षण हासिल करने की घड़ी आ गई है। जरांगे ने कहा, 80 फीसदी लड़ाई जीत ली गई है। हमारी लड़ाई अब अपने अंतिम चरण में है।
जरांगे ने मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर इस साल दो बार अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल की थी। उन्होंने कहा कि सरकार को पहले इस मुद्दे को हल करने के लिए 40 दिन का समय दिया गया था लेकिन कुछ नहीं हुआ।
बाद में इस समस्या के हल के लिए सरकार को 24 दिसंबर तक का समय दिया गया। उन्होंने कहा कि अगर सरकार 24 दिसंबर तक इस मुद्दे का समाधान निकालने में विफल रहती है तो समुदाय मुंबई की ओर कूच करेगा और राज्य पर आर्थिक रूप से शिकंजा कसेगा।
जरांगे ने कहा, सरकार के पास सिर्फ दो दिन बचे हैं। अगर सरकार इस मुद्दे का हल नहीं निकालती है तो हम 23 दिसंबर को अपने अगले कदम की घोषणा करेंगे।