कचरा और गंदा पानी फैलाते हैं बीमारी,गांव स्वच्छ रखना सबकी है जिम्मेदारी- जिलाधिकारी

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*मॉडल गांव बनाने हेतु शेष 185 ग्राम पंचायत के प्रधानों, पंचायत सहायकों तथा विकास खंड प्रेरकों का 02 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का डीएम व सीडीओ ने किया शुभारंभ*

भदोही / स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण द्वितीय चरण के अंतर्गत मॉडल गांव बनाने हेतु शेष 185 ग्राम पंचायत के प्रधानों, पंचायत सहायकों तथा विकास खंड प्रेरकों का 02 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ जिलाधिकारी विशाल सिंह व मुख्य विकास अधिकारी डॉक्टर शिवाकांत द्विवेदी द्वारा विकास भवन स्थित जिला पंचायत रिसोर्स सेंटर में किया गया।

जिलाधिकारी विशाल सिंह ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि कचरा और गंदा पानी फैलाते हैं बीमारी, इसलिए गांव को स्वच्छ रखना सबकी जिम्मेदारी है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में ग्राम पंचायत के प्रतिनिधियों को स्वच्छता और अपशिष्ट प्रबंधन के बारे में जानकारी दी गई। उन्हें ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता के लिए आवश्यक कदम उठाने के लिए प्रेरित किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता और अपशिष्ट प्रबंधन को बढ़ावा देना है, ताकि लोगों का जीवन स्वस्थ और स्वच्छ हो।

मुख्य विकास अधिकारी डॉ शिवाकांत द्विवेदी ने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन (ग्रा०) फेज-2 के अन्तर्गत मॉडल गॉव बनाया जाना भारत सरकार व उ०प्र० सरकार की एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है जिसकी समीक्षा समय-समय पर मा० प्रधानमंत्री जी व मुख्यमंत्री जी करते रहते है। उ०प्र० सरकार का इस पर विशेष फोकस है। ग्राम पंचायत को मॉडल तक पहुंचाने के निम्नवत 03 स्तर है- एस्पाईरिंग – निवास करने वाले सभी व्यक्तियों तक शौचालय की पहुंच, सभी संस्थानों में शौचालय तथा ग्राम पंचायत में ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबन्धन में से किसी एक का हो जाना।
राईजिंग – निवास करने वाले सभी व्यक्तियों तक शौचालय की पहुंच, सभी संस्थानों में शौचालय तथा ग्राम पंचायत में ठोस एवं तरल दोनों अपशिष्ट के प्रबन्धन का हो जाना। मॉडल– निवास करने वाले सभी व्यक्तियों तक शौचालय की पहुंच, सभी संस्थानों में शौचालय तथा ग्राम पंचायत में ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबन्धन के साथ ही साथ ग्राम पंचायत के लोगों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता तथा कही पर भी कूड़े-कचरे का दृश्यमान न होना।

मॉडल ग्राम बनाने हेतु सोक पिट, कम्पोस्ट पिट, कचरा पात्र, आर०आर०सी०, नाडेफ, गोबर्धन इत्यादि की योजनाएं ग्राम पंचायतों में चलायी जा रही है। इसकी तकनीकी जानकारी सम्बंधित ग्राम प्रधान को न होने की वजह से अच्छी गुणवत्ता के निर्माण कार्य नही हो पाते है। परिणाम स्वरूप योजनाओं का उचित क्रियान्वयन नही हो पाता है। इस हेतु प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जनपद के कुल 546 ग्राम पंचायतों में से अवशेष 185 ग्राम पंचायतों में मॉडल ग्राम योजनान्तर्गत निर्माण कार्य कराया जाना है जिनके ग्राम प्रधान व पंचायत सहायक का प्रशिक्षण संचालित है। कार्यक्रम में पीडी डीआरडीए आदित्य कुमार , उपायुक्त मनरेगा राजाराम, जिला विकास अधिकारी ज्ञान प्रकाश, जिला सूचना अधिकारी डॉ पंकज कुमार सहित संबंधित अधिकारी गण व कर्मचारी उपस्थित रहे। 

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