पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का रविवार को निधन हो गया। वे 79 साल के थे। मुशर्रफ लंबे समय से अमाइलॉइडोसिस बीमारी से जूझ रहे थे। दुबई के अस्पताल में उनका इलाज किया जा रहा था। 2016 में पाकिस्तान की कोर्ट ने देशद्रोह के आरोपों का सामना कर रहे परवेज मुशर्रफ को भगोड़ा घोषित किया था। जिसके बाद वे दुबई चले गए थे।
अगर भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध की बात होती है तो उनमें जुलाई 2001 की आगरा शिखर वार्ता का जिक्र जरूर होता है.जुलाई 2001 में भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और मुशर्रफ की आगरा में मुलाकात हुई. इस शिखर वार्ता में कश्मीर मसले को लेकर मुशर्रफ के साथ सहमति नहीं बनी. मुशर्रफ के अडि़यल रवैये के कारण ये वार्ता पटरी से उतर गई थी. अटल बिहारी वाजपेयी ने मुशर्रफ से कश्मीर में सीमा पार से होने वाली आतंकवादी गतिविधियों को रोकने के लिए कहा था.
21 साल की उम्र परवेज मुशर्रफ ने बतौर जूनियर अफसर पाकिस्तानी आर्मी जॉइन कर ली। उन्होंने 1965 के युद्ध में भारत के खिलाफ लड़ाई लड़ी। ये युद्ध पाकिस्तान हार गया। बावजूद इसके बहादुरी से लड़ने के लिए पाक सरकार की ओर से मुशर्रफ को मेडल दिया गया। 1998 में परवेज मुशर्रफ जनरल बने। उन्होंने भारत के खिलाफ कारगिल की साजिश रची। लेकिन बुरी तरह से असफल रहे। अपनी जीवनी ‘इन द लाइन ऑफ फायर-अ मेमॉयर’ में जनरल मुशर्रफ ने लिखा कि उन्होंने कारगिल पर कब्जा करने की कसम खाई थी
1999 में सफल सैन्य तख्तापलट के बाद परवेज मुशर्रफ दक्षिण एशियाई राष्ट्र के दसवें राष्ट्रपति थे.पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार पेशावर हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस वकार अहमद सेठ की अध्यक्षता में विशेष अदालत की तीन सदस्यीय पीठ ने फांसी की सजा सुनाई थी.