जंगल सफारी के तीन शावकों का नाम अरपा, पैरी और शबरी, मुख्यमंत्री श्री बघेल ने नंदनवन जंगल सफारी में 10 नये बाड़े का किया लोकार्पण
*छत्तीसगढ़ में वन तथा वन्यप्राणी दोनों की ही सुरक्षा के लिए हो रहे लगातार कार्य,*मुख्यमंत्री ने रंग-बिरंगे तितलियों की जानकारी पर आधारित पुस्तक का किया विमोचन*
रायपुर/ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज 7 अक्टूबर को वन्यप्राणी संरक्षण सप्ताह के अवसर पर राजधानी स्थित अपने निवास कार्यालय में वन विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने इस दौरान नंदनवन जंगल सफारी नवा रायपुर की शेरनी कृति द्वारा माह मई 2021 में जन्में तीन शावकों का नामकरण अरपा, पैरी तथा शबरी के नाम से किया। साथ ही उन्होंने नंदनवन जंगल सफारी में लोगों को वन्य प्राणियों को करीब से जानने का मौका देने और उन्हें जागरूक करने के लिए 10 नये बाड़े का लोकार्पण किया। इन्हें मिलाकर जंगल सफारी में अब कुल 28 बाड़े हो गए हैं। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर बारनवापारा अभ्यारण्य में पाए जाने वाली रंग-बिरंगी तितलियों की जानकारी पर आधारित एक पुस्तक का भी विमोचन किया।
मुख्यमंत्री बघेल ने बताया कि प्रदेश में वन तथा वनों की सुरक्षा के लिए सरकार द्वारा हर संभव पहल की जा रही है। इसके तहत राज्य में वर्तमान में संरक्षित वन क्षेत्र के अंतर्गत 3 राष्ट्रीय उद्यान, 11 अभ्यारण्य, 3 टायगर रिजर्व, एक हाथी रिजर्व और एक बायोस्फियर रिजर्व के माध्यम से वन्य प्राणियों की सुरक्षा एवं संवर्धन के विविध कार्य किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि यहां स्थित राष्ट्रीय उद्यान और अभ्यारण्य जैव विविधता की दृष्टि से भी समृद्ध है। इन्हें पर्यटकों की दृष्टिकोण से और अधिक विकसित करने और इनके प्रचार-प्रसार की आवश्यकता है, जिससे अधिक से अधिक पर्यटक यहां भ्रमण के लिए आकर्षित हो सकें। उन्होंने बताया कि राज्य में वन्य प्राणी संरक्षण के तहत हो रहे कार्यों के फलस्वरूप वन्यप्राणियों के भोजन तथा रहवास की सुविधा की उपलब्धता बढ़ी है। इसके अंतर्गत हाथी-मानव द्वंद को रोकने में भी नरवा विकास कार्यक्रम एक कारगर माध्यम बना है।
कार्यक्रम को वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर ने सम्बोधित करते हुए कहा कि नंदनवन जंगल सफारी नवा रायपुर, एशिया का मानव निर्मित सबसे बड़ा जंगल सफारी है। यहां अनेक प्रकार के वन्य प्राणियों की संख्या बहुतायत में है। जिसके फलस्वरूप नंदनवन जंगल सफारी में पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इसके प्रचार-प्रसार के लिए भी उन्होंने विशेष जोर दिया। कार्यक्रम को प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) पी.व्ही. नरसिंग राव ने भी सम्बोधित किया।