बाढ की स्थिति हुई गम्भीर, प्रशासनिक अधिकारियों का दौरा हुआ तेज 

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चहनियां। गंगा का रौद्र रूप कम होने का नाम नही ले रहा है । जलस्तर बढ़ने के साथ ही घाट पर सब कुछ डुबोते हुए पानी अब बाजार, गांव व खेतों की तरफ रुख करने लगा है । उधर टाण्डा में घटवारी मां मन्दिर छूने के बाद लोगों मे बेचैनी बढ़ गयी है । तटवर्ती गांव के ग्रामीणों में फिर से खेती किसानी के चौपट होने का दहशत दिखने लगा है । बाढ की स्थिति गम्भीर होते देख शुक्रवार को जिलाधिकारी के निर्देश पर नायब तहसीलदार सकलडीहा रवि रंजन कश्यप और खंड विकास अधिकारी चहनियां शशिकान्त पाण्डेय ने आधा दर्जन लेखपालों के साथ बाढ ग्रस्त क्षेत्र का दौरा करके मारूफपुर व टांडाकला में स्थापित होने वाली बाढ चौकियों का निरीक्षण किया साथ ही मारूफपुर ग्राम प्रधान पति श्रवण कुमार यादव व टांडाकला प्रधान प्रतिनिधि अमित सिंह सोनू से व्यवस्थाओं की बावत चर्चाएं किया।पिछली बार की अपेक्षा इस बार पानी का बेग ज्यादा है । गंगा अब अपना रौद्र रूप दिखाने लगी है । चार दिन गंगा का पानी स्थिर रहने के बाद बुधवार की रात से अब तक एकाएक पानी करीब 8 – 10  फीट बढ़ गया है।गंगा का पानी गंगा घाट पर बनी सीढियों, शवदाह गृहों, मन्दिरों को डुबोती हुई बाणगंगा नदी व नालों के सहारे गांवों व खेतों में प्रवेश करके फसलों को डुबोने लगी है। जिससे आने वाले दो दिनों में करीब आधा दर्जन गांव के लोगों को घर बार छोड़कर सुरक्षित ठिकानों की शरण लेनी पड़ेगी। बाढ से तटवर्ती गांवो में लोगो को विषैले जानवर सांप, बिच्छू, छगुनवा आदि जानवरो से खतरा बढ़ गया है । गंगा किनारे रहने वाले ये जानवर पानी से बचने के लिए गांवो की तरफ रुख कर रहे है । वहीं सबसे बूरी स्थिति हसनपुर के निषाद बस्ती की है जो गंगा के मुहाने पर कटान की जद में है। ग्राम पंचायत अधिकारी विद्या यादव शुक्रवार की शाम को हसनपुर में पहुंचकर लोगों से गंगा तटवर्ती घरों से बाहर निकल जाने का निर्देश दी।

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