*जनपद में मनाया गया झंडा दिवस*
*चन्दौली/ कर्नल हृदेश कुमार चौधरी (अ०प्रा०), जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास अधिकारी ने जिलाधिकारी निखिल टी० फुंडे को प्रतीक झण्डा लगाकर सम्मानित किया। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने निदेशालय सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास, उ०प्र० लखनऊ से जारी सशस्त्र सेना झण्डा दिवस स्मारिका 2024 का विमोचन भी किया।
इस अवसर जिलाधिकारी ने कहा कि झंडा दिवस हमारे दिव्यांग साथियों, विधवाओं और देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वालों के आश्रितों की देखभाल करने के हमारे दायित्व को दर्शाता है। इस दिन थल सेना, नौसेना और वायु सेना के जवानों द्वारा दी गई सेवाओं को याद किया जाता है। हमारे देश के प्रत्येक नागरिक का सामूहिक कर्तव्य है कि वह हमारे वीर शहीदों और दिव्यांग सैनिकों के आश्रितों के पुनर्वास और कल्याण को सुनिश्चित करें।
जिलाधिकारी ने कहा कि सशस्त्र सेना झण्डा दिवस का आयोजन कर हम देश के परमवीर, बलिदानी, त्यागी एवं शौर्य का परिचय देते हुए शहीद सैनिकों, जिन्होंने राष्ट्र को अपने त्याग और बलिदान से गौरवान्वित किया है, उन वीर जवानों के प्रति हम कृतज्ञता व्यक्त करते है और अपने जवानों तथा उनके आश्रितों की देख-भाल और समर्थन के हेतु इस सुअवसर पर नागरिकों से यथा शक्ति धन संग्रह का पुण्य कार्य करते है।
जिलाधिकारी निखिल टी० फुंडे ने आज सशस्त्र सेना झण्डा दिवस के लिए जनपद के सभी अधिकारियों, कर्मचारियों, गणमान्य व्यक्तियों, उद्योगपतियों और जनपदवासियों से अधिक से अधिक दान करने की अपील की गयी है। उन्होनें बताया कि वर्ष 1949 से 07 दिसम्बर को पूरे देश में सशस्त्र सेना झंडा दिवस के रूप में शहीदों और वर्दी धारियों, जिन्होंने देश के सम्मान की रक्षा के लिए हमारी सीमाओं पर बहादुरी से लड़ाई लड़ी, का सम्मान करने के लिए मनाया जाता है। विजय हासिल करने के दौरान, हमारे सशस्त्र बलों ने बहुमूल्य जीवन खोया है और खो रहे हैं और साथ ही कुछ दिव्यांग होकर सेना से रिटायर हो रहे है। परिवार के मुखिया के निधन पर परिवार को जो सदमा लगता है, उसकी थाह पाना मुश्किल है। हमारे सैनिक जो दिव्यांग है उन्हें देखभाल और पुनर्वास की आवश्यकता है ताकि वे अपने परिवार पर बोझ न बनें, अपितु सम्मान का जीवन व्यतीत कर सकें। इसलिए, उन्हें भी हमारी देखभाल और समर्थन की जरूरत है।