आसनसोल। शनिवार को कस्ता पश्चिम ब्लॉक में पहला अन्वेषणीय बोरहोल शुरू किया गया, जिसका उद्देश्य भूमिगत कोयला गैसीकरण की संभावना का पता लगाना है। यह ब्लॉक अजोय नदी के उत्तरी तट पर, नाला, जामताड़ा जिला, झारखंड में स्थित है और पांडवेश्वर क्षेत्र के अंतर्गत आता है। इस परियोजना का उद्घाटन नीलाद्री रॉय, निदेशक (तकनीकी) (ऑपरेशन और परियोजना एवं योजना), ईसीएल द्वारा किया गया, जिनके साथ भास्कर भट्टाचार्य, उप महाप्रबंधक (भूविज्ञान, नई पहल), ईसीएल और उनकी टीम तथा एर्गो एक्सर्जी टेक्नोलॉजी इंक., कनाडा (ईईटीआई) के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।
यह देश में यूसीजी पायलट परियोजना के लिए लक्षित पहला अन्वेषणीय बोरहोल है। इस परियोजना के क्रियान्वयन एजेंसियां सीएमपीडीआई, रांची और ईसीएल, संक्टोरिया हैं और उप-क्रियान्वयन या संचालन एजेंसी ईईटीआई, कनाडा है। पायलट परियोजना की अवधि 2 साल है।
पायलट परियोजना की अंतिम रिपोर्ट के आधार पर, उन क्षेत्रों में वाणिज्यिक पैमाने पर आगे के विकास की दिशा में कदम उठाए जाएंगे, जहां कोयला भंडार का खनन आर्थिक रूप से संभव नहीं है। इस पायलट परियोजना की सफल पूर्णता भारत के ऊर्जा क्षेत्र में नई आशा की किरण लाएगी।