पुनर्निर्मित फूलपुर स्टेशन पर समावेशिता और संचार उन्नयन,पहले चरण में 508 स्टेशनों का पुनर्विकास
नई दिल्ली/ भारतीय रेल द्वारा घोषित की गई अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत देश भर के 1308 स्टेशनों का पुनरूद्धार करने और यात्रियों की विविध श्रेणियों की आवश्यकतानुसार सुविधाओं को बढ़ाने और संशोधित करने की योजना है । इस योजना का उद्देश्य इन अमृत भारत स्टेशनों को सुविधा-संपन्न परिवहन केंद्रों में बदलने का है। इसके पहले चरण में 508 स्टेशनों का पुनर्विकास किया जा रहा है। इनमें से 71 स्टेशन उत्तर रेलवे के पांचों मण्डलों को आवंटित किए गए हैं।
इनमें से एक लखनऊ मंडल के अंतर्गत आने वाला फूलपुर स्टेशन है, जिसके लिए 21.34 करोड़ का बजट स्वीकृत किया गया है । पुनर्विकास योजना में विभिन्न बुनियादी ढांचे में सुधार के अंतर्गत प्रमुख प्रवेश द्वार के साथ एक सर्कुलेशन एरिया का निर्माण और इसे यात्रियों के अनुकूल बनाने के लिए दूसरे प्रवेश द्वार का प्रावधान शामिल है । प्रमुख प्रवेश द्वार और दूसरे प्रवेश द्वार पर नए भवनों का निर्माण किया जाएगा । इस निर्माण में स्थानीय शिल्पकला के तत्वों के साथ एक आधुनिक प्रवेश द्वार और पोर्टिको का निर्माण किया जाएगा । एक 12 मीटर चौड़ा फिक्स्ड ऑफशोर प्लेटफॉर्म भी बनाया जाएगा जिसे आगे रूफ प्लाजा के रूप में विकसित किया जाएगा ।
यातायात के संचलन में सुधार के लिए स्टेशन सर्कुलेटिंग एरिया की सड़कों को चौड़ा करके हरित पट्टियाँ का विकास किया जाएगा । उन्नत उपयोगिता सेवाओं को सुनिश्चित करने के लिए वर्षा जल निकासी प्रणाली और प्लेटफ़ॉर्म सतहों में सुधार किया जाएगा । संचार की स्पष्टता सुनिश्चित करने के लिए मानक साइनेज और डिस्प्ले बोर्ड लगाए जाएंगे । दिव्यांग-जनों की आवश्यकताओं के अनुरूप यात्री सुविधाओं को विकसित किया जाएगा । सूचना की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए सभी प्लेटफार्मों पर एलईडी-आधारित बोर्ड, ट्रेन सूचना डिस्प्ले सिस्टम, कोच मार्गदर्शन डिस्प्ले बोर्ड और जीपीएस घड़ियां लगाई जाएंगी । एक वाणिज्यिक ब्लॉक का निर्माण किया जाएगा जिसमें एक फूड प्लाजा, कैफेटेरिया, खुदरा सुविधाएं और बेहतर शौचालय सुविधाएं होंगी । एक प्रतीक्षा क्षेत्र, एक कार्यकारी लाउंज का विकास करने के साथ-साथ ‘एक स्टेशन और एक उत्पाद’ योजना के लिए 2 कियोस्क भी लगाए जाएंगे ।
रेलवे अमृत भारत स्टेशन योजना के साथ सूचना और सुविधाओं तक आसानी से पहुंच सुनिश्चित करना चाहती है। इसका मुख्य लक्ष्य इन स्टेशनों को सक्रिय पारगमन केंद्रों के रूप में बदलना है जो स्थिरता, दक्षता, सुरक्षा, पहुंच और समावेशन को प्राथमिकता देंगे। इसमें पर्यावरण-अनुकूल उपायों को अपनाना और सभी को निर्बाध यात्रा प्रदान करने के लिए विभिन्न प्रकार की सेवाओं को बढ़ावा देना शामिल है।