पर्यावरण संरक्षण व पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली पर देश भर के विशेषज्ञों ने रखी अपनी राय

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 सोनभद्र /सिंगरौली भारत सरकार की मिनीरत्न कंपनी नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एनसीएल) ने विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में पर्यावरण संरक्षण, सतत कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देने, आजीविका सृजन के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं को विकसित और अपनाकर पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली के लिए एकीकृत वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर एक राष्ट्रीय वेबिनार आयोजित किया।एनसीएल का यह आयोजन ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के दौरान आयोजित कार्यक्रमों की श्रृंखला से भी जुड़ा था  वेबिनर में देश भर के पर्यावरण एवं उससे संबन्धित वैज्ञानिक, विशेषज्ञ, शिक्षाविद एवं अन्य गणमान्य शामिल हुए ।वेबिनार से एनसीएल के निदेशक (तकनीकी/परियोजना एवं योजना ) श्री एस एस सिन्हा भी जुड़े और उन्होने पर्यावरण संरक्षण एवं सतत खनन के लिए एनसीएल की प्रतिबद्धता को दोहराया ।राष्ट्रीय वेबिनर में मल्टीलेयर खेती, जल प्रबंधन, जलवायु परिवर्तन का कृषि पर प्रभाव, मियावाकी पद्धति का उपयोग, कोयला खनन हो चुके क्षेत्र की पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली जैसे विषयों पर वक्तव्य दिये गए ।एनसीएल निगही के महाप्रबंधक श्री हरीश दुहन ने भी  एनसीएल की निगाही क्षेत्र में  पर्यावरण संबंधी सर्वश्रेष्ट प्रथाओं को प्रस्तुत किया ।  गौरतलब है कि देश की आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है जिसके तहत विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे है । एनसीएल ने पिछले वर्ष भी पर्यावरण संरक्षण व संवर्धन के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं पर एक वेबिनार राष्ट्रीय वेबिनर  आयोजित किया था। इसी कड़ी में यह दूसरा  वेबिनर था जिसका मुख्य उद्देश्य,  जल, जंगल, जमीन से जुड़े परिस्थितिकी तंत्र के संरक्षण के साथ सतत एवं वैज्ञानिक पद्धतियों को अपनाना है।

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