सेल, राउरकेला इस्पात संयंत्र  में सिंटर बनाने पर विशेषज्ञ समिति की बैठक आयोजित 

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राउरकेला।सेल, राउरकेला इस्पात संयंत्र (आर.एस.पी.) में सिंटर बनाने पर विशेषज्ञ समिति की बैठक 11 जुलाई, 2024 को आयोजित की गई। आर.एस.पी. के निदेशक प्रभारी (डी.आई.सी.),  अतनु भौमिक ने एक दिवसीय सम्मेलन का उद्घाटन किया, जिसमें सेल की विभिन्न इकाइयों के सिंटर और संबंधित परिचालन से जुड़े कार्मिक शामिल हुए। इस अवसर पर मंच पर कार्यपालक निदेशक (वर्क्‍स),  एस.आर.सूर्यवंशी और मुख्‍य महा प्रबंधक (आयरन),  बी.आर.पलई भी उपस्थित थे। कार्यक्रम की शुरुआत के लिए डी.आई.सी. और अन्य गण्यमान्यों ने ज्ञान दीप प्रज्वलित किया।

इस अवसर पर बोलते हुए डी.आई.सी. ने वर्तमान परिदृश्य पर प्रकाश डाला, जहां ‘अपशिष्ट से धन’ अवधारणा पर अधिक जोर दिया जाता है। उन्होंने सिंटर बनाने की दक्षता, उत्पादकता और लागत-प्रभावशीलता को बढ़ाने के लिए डिजिटलीकरण और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को शामिल करने की आवश्यकता को रेखांकित किया। श्री भौमिक ने प्रक्रिया अनुकूलन और ब्लास्ट फर्नेस से उच्च आउटपुट प्राप्त करने के लिए सिंटर की गुणवत्ता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘सिंटरिंग प्लांट हमारे लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए 2 ब्लास्ट फर्नेस से 12500 टन हॉट मेटल का उत्पादन करने के लिए महत्वपूर्ण हैं।’ उन्होंने स्थिरता के महत्व पर प्रकाश डाला। डी.आई.सी. ने विशेषज्ञों की विविध टीम से परिचालन में दक्षता बढ़ाने और कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के लिए चर्चा करने और विचार-विमर्श करने का आग्रह किया। 

श्री सूर्यवंशी ने अपने संबोधन में प्रतिभागियों से सिंटरिंग प्रक्रिया से संबंधित महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर चर्चा, विचार-विमर्श, आदान-प्रदान और अन्वेषण करने के लिए विशेष तकनीकी मंच का सर्वोत्तम उपयोग करने का आग्रह किया। उन्होंने कोक दर और ईंधन दर को कम करने और कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के लिए सिंटर की गुणवत्ता सुनिश्चित करने पर जोर दिया। उन्होंने क्षेत्र के विशेषज्ञों से इस क्षेत्र में देश की सर्वोत्तम प्रक्रियाओं के बारे में चर्चा करने और अगली आधुनिकीकरण प्रक्रिया में उपयोग की जाने वाली भविष्य की तकनीकों का पता लगाने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा, ‘यह मंच एक-दूसरे से सीखने और ब्रेकडाउन की पुनरावृत्ति से बचने और उपकरणों की उपलब्धता बढ़ाने के लिए खामियों पर काम करने का एक अच्छा अवसर प्रदान करता है।’ 

सेल की विभिन्न इकाइयों अर्थात भिलाई इस्पात संयंत्र, बोकारो इस्पात संयंत्र, दुर्गापुर इस्पात संयंत्र और आर.डी.सी.आई.एस. एवं सी.ई.टी. की विशेषज्ञ टीमों ने चुनौतियों और अवसरों सहित अपनी-अपनी इकाइयों में सिंटर बनाने की प्रक्रियाओं में सर्वोत्तम प्रक्रियाओं पर प्रस्तुतियाँ दीं। सत्र में प्रक्रिया नियंत्रण में नवाचारों और परिचालन रखरखाव में सर्वोत्तम प्रक्रियाओं पर ध्यान केंद्रित किया गया, जिससे उपस्थित लोगों को अपने संचालन को अनुकूलित करने के लिए बहुमूल्य अंतर्दृष्टि और रणनीति प्रदान की गई।

दिन के विचार-विमर्श के अंत में एक सिंडिकेट चर्चा का आयोजन किया गया, जिसमें एस.आर.सूर्यवंशी ने अध्यक्षता की और सुधार के लिए कार्य योजना का आँकलन किया। सबसे पहले, उद्घाटन सत्र की शुरुआत राष्ट्रगान के साथ हुई। बी.आर.पलई ने सभा का स्वागत किया। सहायक प्रबंधक, एसपी-III, शानू सिन्हा और प्रबंधक, एसपी-II, संदीप अवस्थी ने कार्यक्रम का सञ्चालन किया

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