अहरौरा, मिर्जापुर / मलेशिया के कारोबारी व वहां के प्रधानमंत्री के बेहद करीबी व कारोबारी शिवादास कुमार ने गुरुवार को चुनार के रामपुर सक्तेशगढ़ स्थित विश्व में बायोमास से हाइड्रोजन उत्पादन की अग्रणी भारतीय कंपनी बिजल ग्रीन एनर्जी का दौरा कर मलेशिया में प्लांट लगाने को लेकर विचार विमर्श किया।
विश्व में मलेशिया पाम-आयल का सबसे बड़ा उत्पादक है जिसके फलस्वरूप वहा काफी बड़ी मात्रा में इसका अपशिष्ट तैयार होता है।जिसका प्रबंधन कभी-कभी बड़ी चुनौती पूर्ण हो जाता है।मलेशियाई सरकार इस अपशिष्ट को उपयोग में लाने के विभिन्न प्रकारों को तलाश रही है।इसी क्रम में मलेशियाई व्यापारी व प्रधानमंत्री के काफी करीबी शिवादास कुमार को जब बिज़ल के तकनीक के बारे में जानकारी मिली तो उन्होंने इस तकनीक का अवलोकन करने बिजल प्लांट पर पहुंचे थे। जहाँ उन्होंने हाइड्रोजन एवं अन्य उत्पादों के उत्पादन की प्रक्रिया के बारे जाना।बिजल के संस्थापक व क्षेत्र के नियामतपुर गांव निवासी डॉ. प्रीतम सिंह ने शिवादास कुमार को बिज़ल की तकनीक के बारे में बारीकी से समझाया और बताया कि पाम-आयल अपशिष्ट हमारे लिए एक बेहतरीन बायोमास है जिसका परीक्षण भी हम लोग कर चुके है।बिजल की तकनीक से मलेशियाई कारोबारी शिवादास कुमार काफी प्रभावित हुए और इसकी एक रिपोर्ट बना के मलेशिया के प्रधानमंत्री को सौंपने की बात कही।और जल्द ही इसकी एक यूनिट लगाने की प्रक्रिया भी शुरू करने की बात की।शिवादास कुमार के साथ बिज़ल कि सहयोगी कंपनी एवरग्रीन फ्यूचर के देवशीष बोस, रंजू गोपाल बर्मन तथा बिजल के निदेशक दौलत सिंह, डॉ. नीरज मिश्रा,महातिम सिंह,संजोग सिंह मौजूद रहे।