78 वा स्वतंत्रता दिवस ईसीएल में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया
आसनसोल। भारत राष्ट्र के 78 वे स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ईसीएल मुख्यालय, सँकटोरिया में रंगारंग कार्यक्रम का आयोजन कंपनी के सुरक्षा विभाग द्वारा किया गया। जिसमे ईसीएल के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक समीरण दत्ता ने ध्वजारोहण किया। तत्पश्चात श्री दत्ता ने सुरक्षा विभाग एवं सीआईएसएफ की परेड को सलामी दी।
अपने सम्बोधन में अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक ने उन सभी स्वतंत्रता सेनानियों एवं शहीदों को ईसीएल परिवार की ओर से नमन करते हुए एवं श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि कंपनी देश की बढ़ती हुई ऊर्जा आवश्यकता को पूरा करने के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है और साथ ही कोयले के माध्यम से राष्ट्र को ऊर्जा आपूर्ति करते रहने के लिए संकल्पित है। उन्होंने कहा कि गत वित्तीय वर्ष में कंपनी ने महती उपलब्धियों के साथ कोयला उत्पादन, अधिभार हटाव (OB Removal) एवं कोयला प्रेषण में वृद्धि दर्ज करते हुए लाभ अर्जित किया था। इसे कायम रखना और इसमें नित्य उत्तरोत्तर वृद्धि करते रहना हम सभी का संयुक्त संकल्प है, लक्ष्य है, ज़िम्मेदारी है।
उन्होंने बंद पड़ी खदानों को राजस्व साझा के तहत पुनः आरंभ करने की एवं भूमिगत उत्पादन को प्रोत्साहन देने की दिशा में पेस्ट फिल्ड तकनीक के प्रयोग को शामिल करने की बात कही साथ ही भारत सरकार की क्रय वरीयता नीति और मेक इन इंडिया नीति के अंतर्गत MSEs को प्रोत्साहन देने की भी बात काही। उन्होंने कहा कि कंपनी पर्यावरण संरक्षण एवं जलवायु परिवर्तन के रोकथाम के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि कार्बन उत्सर्जन कम करने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए ईसीएल ने भूमिगत कोयला गैसीकरण के लिए कस्ता ब्लॉक में पायलट परियोजना शुरू की है, जो स्वच्छ ऊर्जा के संबंध में कोल इंडिया लिमिटेड की प्रतिबद्धता को मजबूत करती है। स्वच्छ ऊर्जा की पहल को आगे बढ़ते हुए ईसीएल अपने खनन क्षेत्र में कोल बेड मीथेन दोहन के लिए रानीगंज कोलफील्ड में परियोजना आरंभ करने जा रही है जिसकी ज़िम्मेदारी CMPDIL को दी गई है। इसी तरह ‘आत्मनिर्भर भारत मिशन’ तथा ‘कोल से केमिकल मिशन’ के अंतर्गत, सरफेस कोयला गैसीकरण के विकास और सिन्थेटिक नैच्रल गैस के उत्पादन के लिए कोल इंडिया लिमिटेड एवं GAIL द्वारा संयुक्त उपक्रम स्थापित करने के लिए भी समझोंता किया गया है जो सोनपुर बाजारी क्षेत्र के पास बहादुरपुर ग्राम में प्रस्तावित है। आगे अपने सम्बोधन में श्री दत्ता ने कहा कि राष्ट्र कल्याण और लोक कल्याण ईसीएल के परिचालन के मूल तत्व रहे हैं। ईसीएल अपने निगमित सामाजिक दायित्व (CSR) के माध्यम से परियोजना प्रभावित क्षेत्रों एवं इसके विनिर्दिष्ट दायरे में आधारभूत अवसंरचना विकास परियोजनाएँ, परियोजना प्रभावित युवाओं में शिक्षा एवं कौशल विकास, नारी सशक्तिकरण, स्वास्थ्य सेवा प्रसुविधाएँ, जलापूर्ति इत्यादि में पूर्ण मनोयोग से संलग्न है। उन्होंने कल्याण के क्षेत्र में ईसीएल के विभिन्न क्षेत्रों में चल रहीं डिजिटल डिस्पेंसरी तथा कर्मचारियों को Neurosensory Impact और ENT संबंधित बीमारियों से सुरक्षा के लिए विशेष कैम्प के आयोजन की भी चर्चा की।
आजादी के 77 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर श्री दत्ता द्वारा ईसीएल की अबतक अर्जित कामयाबी में पूर्ण सहयोग के लिए और समरूप से अधिकतम भविष्यत् सहयोग की प्रत्याशा के साथ, कोयला मंत्रालय, कोल इंडिया लिमिटेड, श्रमिक संगठन के प्रतिनिधियों, पश्चिम बंगाल तथा झारखंड राज्य सरकार एवं उनके प्रशासनिक अधिकारियों, पुलिस प्रशासन, CISF, कंपनी के समस्त श्रमिकों, कर्मचारियों और अधिकारियों के साथ-साथ कंपनी के सभी अंशधारकों, उपभोक्ताओं, आपूर्तिकर्ताओं, मीडियाकर्मीयों, शुभचिंतकों, WIPS तथा शताक्षी महिला मण्डल के प्रति आभार प्रकट करते हुए हार्दिक शुभकामनाएँ दीं तथा कंपनी के सभी ऊर्जस्वित कर्मशक्ति संपन्न श्रमिकों, कर्मचारियों एवं अधिकारियों का आह्वान करते हुए कहा कि अपने-अपने कर्तव्य बोध के साथ आगे आकर स्वर्णिम राष्ट्र के निर्माण में अपनी एवं ईसीएल की महती भूमिका को सिद्ध करें।
कार्यक्रम में विशेष रूप से पधारे कूल्टी विधान सभा क्षेत्र के विधायक अजय पोद्दार एवं आसनसोल के पूर्व सांसद बशोंगोपाल चौधुरी मोजूद थे।
कार्यक्रम में ईसीएल के मुख्य सतर्कता अधिकारी मुकेश कुमार मिश्रा, निदेशक (वित्त) मो. अंजर आलम, निदेशक (कार्मिक) श्रीमती आहुती स्वाईं तथा निदेशक (तकनीकी) निलाद्रि राय भी मोजूद थे।
कार्यक्रम के आरंभ में शैलेन्द्र कुमार सिंह, महाप्रबंधक (सुरक्षा) ने सभी अतिथियों का स्वागत किया तथा कार्यक्रम के अंत में पर्यावरण विभाग द्वारा परिसर में अतिथियों द्वारा वृक्षारोपण भी करवाया गया। जन संपर्क विभाग द्वारा हर घर तिरंगा अभियान के तहत सभी उपस्थित जनों की तिरंगे के साथ सेल्फ़ी करवाई। कार्यक्रम में सभी विभागाध्यक्ष, अधिकारी, कर्मचारी, यूनियन प्रतिनिधि इत्यादि भी मोजूद थे।