रायपुर, / दुर्ग जिले के धमधा ब्लॉक के ग्राम पंचायत पेडनरावन की संगीता सिन्हा को दीदी ई-रिक्शा सहायता योजना के तहत मिला ई-रिक्शा उनके परिवार के जीवन-यापन का प्रमुख साधन बन गया है। ई-रिक्शा के माध्यम से संगीता सिन्हा प्रतिदिन औसतन चार-पांच सौ रूपए की आय अर्जित करने लगी है।
श्रीमती संगीता को जब दीदी ई-रिक्शा सहायता योजना के बारे में जानकारी मिली तो उन्होंने छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अधिकारियों से मिलकर इसे पाने के लिए आवश्यक प्रक्रिया को पूरा किया। ई-रिक्शा मिलने के बाद उन्होंने बड़ी कुशलता के साथ इसका संचालन कर अपने परिवार की बिगड़ी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लौटाने में सफल रही हैं।
गौरतलब है कि श्रीमती संगीता सिन्हा और उनके पति रोशन मजदूरी करते थे और हर महीने करीब 8,000 रुपये कमाते थे। अपनी आय को बढ़ाने के लिए हरसंभव कोशिश करने के बावजूद, यह पैसा दंपति और उनके तीन बच्चों के लिए बिल्कुल भी पर्याप्त नहीं था। सालों तक संगीता और उनके पति ने अपने परिवार के जीवन-यापन के लिए संघर्ष करते रहे। लेकिन जब उन्हें दीदी ई-रिक्शा पहल के बारे में पता चला, तो उन्हें उम्मीद की किरण दिखी। इस बार, उन्हें लगा कि वे गरीबी को हरा सकते हैं। दीदी ई-रिक्शा सहायता योजना के बारे में पता चलने पर संगीता ने बिना समय गंवाए इसके लिए आवेदन कर दिया। उसने तुरंत ही योजना के तहत मिलने वाली सहायता के अलावा अतिरिक्त धनराशि प्राप्त कर ली और एक ई-रिक्शा खरीद लिया। आज श्रीमती संगीता सिन्हा का परिवार ई-रिक्शा की बदौलत हो रही आय से आसानी से अपना गुजर-बसर कर रहा है।
यहां यह उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल द्वारा संचालित दीदी ई-रिक्शा सहायता योजना 18 से 50 वर्ष की आयु की पंजीकृत महिला निर्माण श्रमिकों के लिए अवसर का एक स्रोत है। यह योजना पात्र महिला श्रमिकों को ई-रिक्शा खरीदने और नया जीवन शुरू करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है।