बैंक व सिबिल की गलती का हुआ ऐसा खुलासा
विभाग की लापरवाही का खुलासा बैंक में लोन के लिए आवेदन करने पर हुआ है।
वाराणसी/ राजातालाब/ [राजकुमार गुप्ता] बैंकों में लोन देने के लिए भले ही सिबिल स्कोर की अनिवार्यता कर दी हो लेकिन हकीकत यह है कि बैंक व सिबिल विभाग की लापरवाही के कारण राजातालाब के कचनार गाँव निवासी सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता के सिबिल रिकॉर्ड में अपनी पत्नी के जगह पर दूसरे की पत्नी को क्षेत्र के एक गाँव की महिला को बतौर पत्नी बना के लोन के गारंटर बना दिया गया था। इस लापरवाही से अपनी पत्नि के होते दूसरे की पत्नि का पति बन गया यह युवक।
विभाग की लापरवाही का खुलासा बैंक में लोन के लिए आवेदन करने पर हुआ है। बैंक सिबिल रिकॉर्ड में उपरोक्त ख़राब लोन अकाउंट होने के कारण राजकुमार गुप्ता को लोन नहीं दे रहा है। जबकि राजकुमार गुप्ता के गाँव व पत्नी का नाम अलग-अलग है और फोटो और जन्मतिथि भी अलग है। पिछले एक माह से लगातार चक्कर काटने के बावजूद सिबिल विभाग व बैंक के अधिकारी एक दूसरे पर जिम्मेदारी डालकर पल्ला झाड़ रहे हैं।
आवेदन किया तो पता चला
कचनार गाँव पचायत निवासी राजकुमार गुप्ता की पत्नी का नाम पूजा गुप्ता है और दिनदासपुर गाँव निवासी दूसरे राजकुमार गुप्ता के नाम एक ही है उनके पत्नी का नाम राधा देवी है। कचनार निवासी राजकुमार गुप्ता ने जब राजातालाब स्थित पीएनबी बैंक में लोन के लिए आवेदन किया। इस पर बैंक ने आवेदन तो ले लिया लेकिन सिबिल फार्म निकाला जिसमें दिनदासपुर निवासी दूसरे राजकुमार गुप्ता की पत्नी के नाम और पते पर एक माइक्रो फ़ाइनेंस कंपनी से वर्ष 2011 में ₹ 10000 रुपए का एक छोटा सा क़र्ज़ लिया गया है जिसका विवरण बैंक व क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों की लापरवाही से कचनार गाँव के राजकुमार गुप्ता के सिबिल में आजतक दर्ज है, उक्त लोन को निर्धारित समयानुसार नही चुकाने से कचनार निवासी राजकुमार गुप्ता का सिबिल स्कोर ख़राब होकर प्रभावित हुआ है। ख़राब लोन देखकर बैंक ने आवेदक को नया लोन देने से इंकार कर दिया है। इस पर आवेदक सिबिल और बैंक को पीजी पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराया लेकिन अधिकारियों ने आवेदक के पिछले एक माह से लगातार चक्कर काटने के बावजूद सिबिल विभाग व बैंक के अधिकारी एक दूसरे पर जिम्मेदारी डालकर पल्ला झाड़ रहे हैं।
इसके अलावा संबंधित क्रेडिट संस्थान ने सात वर्ष से अधिक समयापश्चात क्रेडिट इन्फांर्मेशन ब्यूरो ट्रांसयूनियन सिबिल, इक्विफैक्स, एक्सपेरियन आदि क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों द्वारा लिखित पुष्टि/ रिपोर्ट नहीं देने के कारण आवेदक के क्रेडिट सूचना रिपोर्ट में दर्शाए गए सात साल पहले के रिकॉर्ड निर्धारित अवधि सात वर्ष तक नहीं हटाया गया यानी बंद हो चुके ऋणखाता के डिटेल उपरोक्त क्रेडिट संस्थान की लापरवाही के कारण सिबिल में आजतक तक अंकित होने की वजह से भी आवेदक का सिबिल रसातल मे चले जाने से केवीआईसी द्वारा प्रेषित दिनांक 26/08/202 को पीएमईजीपी ऋण प्रस्ताव को ऋणदाता पंजाब नेशनल बैंक शाखा कचनार राजातालाब वाराणसी द्वारा दिनांक- 06/09/2022 को अस्वीकार यानी रिजेक्ट कर दिया है, बता दें कि क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनीज (रेगुलेशन) एक्ट, 2005 का उल्लंघन अतिक्रमण करने वाले लापरवाह संबंधित उपरोक्त क्रेडिट संस्थान के विरूद्ध वैधानिक कार्रवाई करते हुए दण्डात्मक कार्रवाई के साथ ही संबंधित उपरोक्त क्रेडिट संस्थान की लापरवाही के कारण आवेदक का सिबिल रसातल मे चले जाने से अभ्यर्थी को कई सारी आर्थिक और मानसिक परेशानियाँ हुई है। पीड़ित ने ख़राब क्रेडिट रिपोर्ट को सुधारने हेतु व हुई मानसिक और शारीरिक वेदना की क्षतिपूर्ति व व्यय के रूप में संबंधित क्रेडिट संस्थान और क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों पर जुर्माना लगाने हेतु आरबीआई को पीजी पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई है। अन्यथा कंज्यूरम फोरम सहित सिविल व फ़ौजदारी के वाद दर्ज कराने की चेतावनी दी है।
क्या होता है सिबिल स्कोर
जब कोई व्यक्ति किसी भी वित्तीय संस्था से उधार लेता है, तो ऐसी जानकारी को संस्था, क्रेडिट ब्यूरो के साथ साझा करती है। और जो बदले में इसे अपने सिस्टम में अपडेट करते हैं। पैन पर बकाया कर्जों का विवरण क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों सिबिल, इक्विफैक्स, एक्सपेरियन आदि के माध्यम से मिल जाता है।