डॉ राम मनोहर ने विद्यालय का संस्कारमय परिवेश विषय पर रखे अपने विचार

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 प्रयागराज।[ मनोज पांडेय] विद्या भारती द्वारा आयोजित माधव ज्ञान केंद्र इंटरमीडिएट कॉलेज नैनी प्रयागराज में क्षेत्रीय बालिका अभ्यास वर्ग का छठे दिन प्रातः स्मरण एवं योगासन के पश्चात प्रथम सत्र सरस्वती जी की वंदना के साथ प्रारंभ हुआ। आज प्रथम सत्र में रेखा चूड़ासमा ने परिवार प्रबोधन बालिका शिक्षा के संदर्भ में तथा द्वितीय सत्र में विद्या भारती काशी प्रांत के संगठन मंत्री डॉ राम मनोहर ने विद्यालय का संस्कारमय परिवेश विषय पर अपने वक्तव्य रखें, कहा कि बालिकाओं के लिए विद्यालय परिवार एवं समाज यह तीन शिक्षित करने के लिए आवश्यक अंग हैं, बच्चे का 5 से 6 घंटे का समय विद्यालय में जबकि 18 से 19 घंटे का समय परिवार व विभिन्न क्षेत्रों में बीतता हैं, विद्यालय सांस्कृतिक पुनर्जन्म का स्थान है। बच्चों का बनना व बिगड़ना कक्षा 12 तक ही हो जाता है, यहां हम मानव निर्माण का कार्य कर रहे हैं। हम लोगों के विद्यालय सरस्वती शिशु मंदिर जिसमें मंदिर शब्द जो आया है, मंदिर में भगवान स्वरूप बच्चे और हम सभी शिक्षकगण पुजारी के रूप में हैं, जो देने के भाव से जाए वही अध्यापक होता है। 
विद्यालय में विभिन्न व्यवस्थाओं में लगे भोजन विभाग में विभूति नारायण सिंह, भोजन वितरण में बनवारी लाल, शरद, राजकुमार पाल, सभाजीत पाल, जल व्यवस्था उमाशंकर, अतिथि गीता सिंह, अगम पाठक, स्वच्छता राधेश्याम तिवारी, आवास व्यवस्था में चंद्रजीत एवं दिग्विजय पाल प्रमुखता से अपने दायित्व का निर्वहन किया। कार्यक्रम में क्षेत्रीय बालिका शिक्षा प्रभारी उमाशंकर मिश्र, प्रदेश निरीक्षक राम जी सिंह, गोपाल संभाग निरीक्षक सुल्तानपुर, मीना श्रीवास्तव बालिका शिक्षा प्रमुख संयोजिका काशी प्रांत, अर्चना वर्मा, दयाराम, प्रधानाचार्य डॉ विंध्यवासिनी प्रसाद त्रिपाठी एवं विद्यालय के सभी शिक्षक उपस्थित रहे।

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