लखनऊ/ दूरदर्शन ने 550 से भी अधिक स्वतंत्रता सेनानियों के अदम्य साहस की गाथाओं को पुन: जीवंत करने और गुमनाम नायकों से युवा पीढ़ी को परिचित कराने का अत्यंत सराहनीय कार्य किया है। 75 एपिसोड का यह कार्यक्रम 14 अगस्त से हर रविवार, रात 9 से 10 बजे दूरदर्शन के डीडी नेशनल चैनल पर प्रसारित होगा। इसी क्रम में दूरदर्शन लखनऊ में केंद्राध्यक्ष अनुपम स्वरूप, संयुक्त निदेशक (समाचार) श्रीमती गार्गी मलिक और कार्यक्रम प्रमुख रमा अरुण त्रिवेदी, एम एस यादव, उप निदेशक (पी आई बी) एवं दूरदर्शन और पी आई बी के अन्य अधिकारियों की उपस्थिति में मीडिया के समक्ष इस कार्यक्रम की स्क्रीनिंग की गई। ‘स्वराज- भारत के स्वतंत्रता संग्राम की समग्र गाथा’ कार्यक्रम को गहन शोध के उपरांत तैयार किया गया है। इसका उद्देश्य ‘स्वराज’ के अद्भुत विचार के पीछे के मूल विजन की फिर से कल्पना करना और उस विचार को वास्तविकता में ढालने वाले समस्त नायकों की गाथाओं को प्रस्तुत करना है। यह धारावाहिक अतीत के इन समस्त वीरों पर हमारे गर्व की अभिव्यक्ति है। 1498 में वास्को-डी-गामा के भारत आने से शुरू होकर ये सीरियल इस धरती के वीरों की समृद्ध गाथा प्रस्तुत करेगा। स्वतंत्रता संग्राम की इन गाथाओं को जीवंत करने के लिए देश के सभी कोनों से जानकारियां और दस्तावेज एकत्र किए गए हैं।
मूल रूप से हिन्दी भाषा में निर्मित इस कार्यक्रम को अंग्रेजी के साथ नौ क्षेत्रीय भाषाओं में डब किया जा रहा है। ये धारावाहिक तमिल, तेलुगू, कन्नड़, मलयालम, मराठी, गुजराती, उड़िया, बंगाली और असमिया क्षेत्रीय भाषाओं में 20 अगस्त से प्रसारित होगा। सप्ताह के दौरान एपिसोडों का पुन: प्रसारण भी किया जाएगा।
इस सीरियल को 20 अगस्त से हर शनिवार दिन में 11 बजे से आकाशवाणी के विभिन्न केंद्रों द्वारा भी प्रसारित किया जाएगा।
गौरतलब है कि हाल ही में केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह और केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण, युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने आकाशवाणी भवन में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन, सूचना एवं प्रसारण सचिव अपूर्व चंद्रा और प्रसार भारती के सीईओ श्री मयंक अग्रवाल की उपस्थिति में धारावाहिक ‘स्वराज- भारत के स्वतंत्रता संग्राम की समग्र गाथा’ का शुभारंभ किया था।
इस सीरियल का आरंभ उस दौर से होता है जब 1498 में वास्को -डि -गामा ने भारत की धरती पर क़दम रखा था। फिर पुर्तगालियों, फ़्रांसीसियों, डच और अंग्रेजों ने भारत में उपनिवेश स्थापित करने के प्रयत्न किए। उस दौर से प्रारंभ होकर भारत के आज़ाद होने तक के संघर्ष और हमारे स्वाधीनता के नायकों की गौरव गाथा को इस सीरियल में संजोया गया है।
ख़ास बात यह है कि इस कहानी में मंगल पांडे, रानी लक्ष्मीबाई, भगतसिंह, महाराज शिवाजी, तात्या टोपे, मैडम भीकाजी कामा जैसे मशहूर स्वतंत्रता सेनानी से लेकर अनसुने और भूले-बिसरे नायकों और वीरांगनाओं जैसे रानी अबक्का, बक्शी जगबंधु, तिरोत सिंह,सिद्धो कान्हो मुर्मु , शिवप्पा नायक ,कान्हो जी आंग्रे ,रानी गाइदिन्ल्यू और तिलका मांझी जैसे वीर योद्धाओं की कहानियां भी शामिल की गई हैं।
आजादी की यह गौरव गाथा केवल अंग्रेज़ों के अन्याय के खिलाफ़ बुलंद हुईं आवाज़ों को बयां नहीं करती बल्कि फ्रांसीसी, डच और पुर्तगाली उपनिवेशवादियों ने भी सोने की चिड़िया कहे जाने वाले भारत में जो अन्यायपूर्ण व्यवहार किया और जिन नायकों ने उनके खिलाफ़ विद्रोह किया वे अनकही कहानियां भी दर्शकों तक पहुंचाईं जाएंगी।