मामला-ढुटेर में चकरोड पर हुए अवैध अतिक्रमण का
सोनभद्र। सूबे की भाजपा सरकार द्वारा सरकारी भूमि पर किए जा रहे अवैध अतिक्रमण को तत्काल हटवाने तथा संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई करने के फरमान का असर नहीं दिख रहा है। जिम्मेदार विभाग के कतिपय कर्मियों की लापरवाही व अनदेखी के कारण आज भी अवैध अतिक्रमण जस का तस पड़ा हुआ है। इससे ग्रामीणों को जहां परेशानी हो रही है, वही अतिक्रमणकर्ता मस्त हैं। इस तरह के एक नहीं कई उदाहरण हैं। यही नहीं अवैध अतिक्रमण को लेकर कही-कही गांव में तनाव की भी स्थिति बनी होने की खबरें मिलती रहती हैं।
इस संबंध में घोरावल तहसील क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत ढुटेर के निवासी शिवनारायण ने बताया कि उन्होंने गांव के सार्वजनिक चकरोड़ की पैमाइश कराकर उस पर हुए अतिक्रमण को हटवाने के लिए जिलाधिकारी को पत्र सोपा था। लेकिन डीएम के आदेश की धज्जियां उड़ाते हुए क्षेत्रीय लेखपाल व राजस्व निरीक्षक द्वारा बिना पैमाइश किये ही गलत रिपोर्ट लगाकर शासन-प्रशासन को गुमराह करने की कोशिश की जा रही है। ऐसे में क्षेत्रीय लेखपाल व राजस्व निरीक्षक पर अतिक्रमण कर्ताओं से मिले होने तथा उनका सहयोग करने के सवालिया निशान लग रहे हैं।
मजे की बात यह है कि यदि पैमाइश की गई तो उस वक्त शिकायतकर्ता और ना ही भू-प्रबंधन समिति के अध्यक्ष अर्थात ग्राम प्रधान तक को मौके पर बुलाना अथवा सूचना देना उचित नहीं समझ गया। इसकी खबर अन्य ग्रामीणों को भी नहीं लगी। यह भी एक यक्ष प्रश्न बना हुआ है। ऐसी दशा में उन्होंने शासन-प्रशासन को पुनः शिकायती पत्र प्रेषित कर उच्चाधिकारियों की मौजूदगी में उक्त सरकारी चक मार्ग की यथाशीघ्र पैमाइश कराने तथा उस पर हुए अवैध अतिक्रमण को हटवाने की मांग की है।