गुमशुदा नाबालिग किशोरी के मामले में क्षुब्ध दख़ल और ऐपवा ने प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय कार्यालय में सौंपा ज्ञापन

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किशोरी के सुरक्षित वापसी न होने की स्थिति में दी आंदोलन की चेतावनी

वाराणसी / नाबालिग किशोरी खुशी पाल के लापता होने के मामले में प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय कार्यालय में ज्ञापन पत्र सौंपा गया। दख़ल संगठन और एपवा की अगुवाई में महीनो से लापता किशोरी को सुरक्षित घर वापसी के लिए किए जा रहे कोशिश के क्रम में आज संसदीय कार्यालय में ज्ञापन सौंपने के साथ साथ सीओ सिटी विदुश सक्सेना से भेंटकर कार्यवाही की जानकारी भी ली गयी।

ज्ञापन में मांग की गयी है कि:- खुशी पाल, 17 वर्षीय छात्रा, 12 अप्रैल 2024 से लापता है।- किशोरी ग्राम दनियालपुर, थाना शिवपुर की निवासी है।- गुमशुदगी की रपट 22 अप्रैल 2024 को दर्ज की गई थी।- महीनो बीतने को आए अभी तक खुशी पाल का कोई पता नहीं चल पाया है। प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में एक माह के ऊपर FIR होने के बावजूद लड़की का ना मिलना क्षेत्र में महिला सुरक्षा पर सवाल उठाता है। बनारस सांसद नरेंद्र मोदी जी से अनुरोध किया गया है कि इस गंभीर मामले को हल करने के लिए उचित कार्रवाई का आदेश दें।

ज्ञापन सौंपने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए महिला ऐक्टिविस्टों ने कहा कि बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ जैसे अभियान चलाते समय सरकार को NCRB के आंकड़ों को भी संवेदना पूर्वक देखने की जरूरत है। महिला अपराध दिन ब दिन बढ़ रहे है और पहले से क्रूर हो रहे हैं। पड़ोसी जिले गाजीपुर में ढाई वर्ष की बच्ची के साथ दुष्कर्म हुआ है। आए दिन छेड़छाड़ और दुष्कर्म की वारदात अख़बार का आम हिस्सा बनती जा रही है। हम महिला अधिकारों और लैंगिक मुद्दों पर सचेत समूह है। हम ऐसे असुरक्षित माहौल की पुरजोर मुखालफत करते है। बनारस में हम खुशी पाल के परिवार के साथ खड़े हैं और उनकी सुरक्षित वापसी के लिए कोशिश में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे। 

NCRB के आंकड़े कह रहे है कि हर दिन 1454 महिलाएँ और लड़कियां लापता हो रही है। 2 साल में 10 लाख से ज्यादा महिलाएं और लड़कियां लापता हुई है। ये वो डेटा है जो रिजस्टर्ड है पता नही और कितनी ही संख्या होगी जिनकी गिनती हुई ही नही, ऐसे में हम महिलाएं खुदको कितना सुरक्षित महसूस करेंगी। बेटियां लापता हो रही हैं और पुलिस प्रसासन चुपचाप बैठी है। इस अवसर पर दख़ल संगठन और एपवा के सदस्यों ने कहा कि हम पुलिस प्रशासन से अनुरोध करते हैं कि इस मामले को गंभीरता से लें और खुशी पाल को जल्द से जल्द सुरक्षित वापस लाएं।

सीओ सिटी ने आश्वासन दिया गया है कि 03 दिन के अंदर आपको परिणाम सामने दिखेगा। संगठन की लड़कियों ने प्रशासन को चेताया है कि अगर कार्यवाही नही होती है तो हम बनारस की महिलाएं आंदोलन के लिए बाध्य होंगी। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से कुसुम वर्मा, डॉ इंदु पांडे,पूनम ,नीति, एकता शेखर , सुजाता, अश्विन इत्यादि शामिल रहे।

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