चंदौली/ जिलाधिकारी निखिल टी फुंडे ने किसान कल्याण केन्द्र, बरहनी का निरीक्षण किया गया। जिला कृषि अधिकारी द्वारा खरीफ कार्यक्रम के अन्तर्गत उपलब्ध कृषि निवेशों यथा बीज, जिप्सम तथा कृषि रक्षा रसायनो के सम्बन्ध में जिलाधिकारी को जानकारी दी गयी। बताया गया कि कृषकों को जिप्सम 75 प्रतिशत् अनुदान पर उपलब्ध है जिसे धान तथा तिलहन की खेती करने वाले किसान सल्फर के श्रोत के रूप में तथा क्षारीय मृदाओं में मृदा सुधारक के रूप में प्रयोग कर सकते हैं। जिलाधिकारी ने पीएम किसान हेल्प डेस्क का भी निरीक्षण किया तथा इस सम्बन्ध में कृषको की समस्त लम्बित शिकायतो का त्वरित निस्तारण का निर्देश दिया। केन्द्र पर साफ-सफाई की स्थिति पर असन्तोष व्यक्त किया गया तथा इसे शीघ्र सुधारने हेतु निर्देशित किया गया। इसके उपरान्त जिलाधिकारी द्वारा अमड़ा ग्राम में बरहनी काला चावल कृषक उत्पादकता समूह के कार्य कलापों का स्थलीय निरीक्षण किया गया तथा निदेशक मण्डल से काला चावल की खेती तथा विपणन में आ रही समस्याओं पर विस्तार से चर्चा की गयी। विपणन की समस्याओं के निराकरण के लिए जिलाधिकारी द्वारा काला चावल के विभिन्न उत्पादों में उपयोग बढ़ाने पर सुझाव मांगे गये ताकि विपणन व्यवस्था को बेहतर बनाया जा सके। उत्पादकता समूह के अध्यक्ष शशिकान्त राय तथा कोषाध्यक्ष रतन कुमार सिंह ने समूह के अन्य कार्यकलापों की जानकारी दी तथा अवगत कराया कि समूह की जमा पूंजी रू0- 20 लाख के पास पहुच गयी है जिसकी सहायता से कृषि विविधीकरण पर विशेष फोकस किया जा रहा है।
इसके उपरान्त जिलाधिकारी द्वारा इमिलियां ग्राम में इशानी एग्रों कृषक उत्पादकता समूह के कार्यकलापों का स्थलीय निरीक्षण किया गया। समूह के अध्यक्ष अजय सिंह ने समूह द्वारा स्थापित बीज प्रोसेसिंग प्लान्ट तथा बीज गोदाम का मौके पर निरीक्षण कराया तथा अवगत कराया कि उ0प्र बीज विकास निगम के साथ अनुबन्ध के आधार पर प्रमाणित बीजों की प्रोसेसिंग कर जनपद चन्दौली तथा आस-पास के अन्य जनपदों केा आपूर्ति की जाती है। समूह द्वारा सफल मत्स्य पालन कार्यक्रम के लिए स्थापित तालाबो का भ्रमण कराकर जिलाधिकारी को इसके आर्थिक पहलुओं के सम्बन्ध में जानकारी दी गयी तथा बताया गया कि समूहो के अन्य सदस्यों द्वारा आस-पास गावों में भी मत्स्य पालन का विस्तृत कार्यक्रम चलाया जा रहा है। जिलाधिकारी द्वारा कृषि उत्पादकता समूहों द्वारा किये जा रही नवोन्वेषी प्रयासों की सराहना की तथा उन्हे कृषि विभाग द्वारा आयोजित गोष्ठियों के माध्यम से अधिक से अधिक कृषकों को जोड़ने का आह्वाहन किया तथा जिला प्रशासन द्वारा हर सम्भव मदद का आश्वासन दिया गया।