किसी प्रकार की कमी पाये जाने पर उसका तत्काल निराकरण किया जाए, मुख्यालय स्तर पर अभियान प्रगति की निरन्तर समीक्षा की जाए, विशेष संरक्षण अभियान के तहत कुल 8065 गोवंश संरक्षित किये गये
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने आज यहां विधानभवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में टीम-09 के साथ निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु 01 नवम्बर से प्रारम्भ अभियान के संबंध मंे बैठक की। उन्होंने कहा कि गोवंश का संरक्षण एवं संवर्द्धन राज्य सरकार की प्राथमिकता है और शासन की मंशा के अनुरूप 31 दिसम्बर के बाद निराश्रित गोवंश सड़कों या खेतों में विचरण करते हुए नहीं पाये जाने चाहिए।
पशुधन मंत्री ने निर्देश दिये कि मुख्यालय स्तर पर प्रगति की निरन्तर समीक्षा की जाए और निराश्रित गोवंश के संबंध में प्राप्त आंकड़ों एवं वास्तविकता का परीक्षण भी किया जाए। उन्होंने कहा कि अभियान का उद्देश्य धरातल पर दिखना चाहिए। इस अभियान में जनसहभागिता के माध्यम से किसानों एवं पशुपालकों के सुझावों एवं उनके अनुभव के आधार पर अभियान में सुझाव या बदलाव की आवश्यकता हो तो उस पर भी विचार किया जाए।
बैठक में बताया गया कि 01 नवम्बर से प्रारम्भ विशेष संरक्षण अभियान के तहत कुल 8065 गोवंश संरक्षित किये गये जिसमें नगर क्षेत्र में 1294 एवं ग्रामीण क्षेत्र में 6771 गोवंश संरक्षित किये गये हैं। कुल 1098 विशेष दस्ते गठित हैं, जिसमें शहरी क्षेत्र में 421 एवं ग्रामीण क्षेत्र में 677 टीमें गठित हैं। कुल 590 कैटल कैचर हैं, जिसमें शहरी क्षेत्र में 263 एवं ग्रामीण क्षेत्र में 327 कैटल कैचर कार्यरत हैं।
बैठक में अपर मुख्य सचिव पशुधन एवं दुग्ध विकास डा0 रजनीश दुबे ने बताया कि 01 नवम्बर से निराश्रित गोवंश संरक्षण का अभियान प्रारम्भ कर दिया गया है और निर्धारित अवधि में लक्ष्य प्राप्ति हेतु आवश्यक व्यवस्थायें एवं कार्य पूर्ण किये जा रहे हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि अभियान में गृह, राजस्व, पंचायतीराज, ग्राम्य विकास एवं नगर विकास से परस्पर सहयोग एवं समन्वय स्थापित कर कार्य किया जाए। निराश्रित गोवंश को संरक्षित करते समय संवेदनशीलता बरती जाए और विशेष सचल दस्ते, टैªक्टर एवं कैटल कैचर की सहायता ली जाए। बैठक में पशुधन विभाग के विशेष सचिव देवेन्द्र पांडेय, विशेष सचिव अमरनाथ उपाध्याय, पीसीडीएफ के प्रबंध निदेशक आनन्द कुमार, विशेष सचिव दुग्ध विकास राम सहाय यादव, निदेशक पशुपालन डा0 ए0के0 जादौन, अपर निदेशक गोधन डा0 जे0के0 पांडेय तथा एलडीबी के कार्यकारी अधिकारी डा0 नीरज गुप्ता उपस्थित थे।