प्रयागराज। विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षण संस्थान द्वारा आयोजित क्षेत्रीय बालिका शिक्षा अभ्यास वर्ग के तीसरे दिन के प्रथम सत्र में लोक सेवा आयोग के सदस्य व विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान के मंत्री किशन वीर सिंह ने पंचपदी शिक्षण पद्धति पर चर्चा की, जिसके अंतर्गत अधीत, बोध, अभ्यास, प्रयोग एवं प्रसार, स्वाध्याय व प्रवचन के माध्यम से बालिकाओं को शिक्षित करने पर विस्तार से चर्चा किया। दूसरे सत्र में अभ्यास वर्ग की बौद्धिक प्रमुख निधि द्विवेदी ने बालिकाओं से संबंधित विभिन्न परियोजनाओं के निर्माण की चर्चा की, जिसमें किशोरी का आहार, वर्तमान समय की विशिष्ट बेटियां, रसोईघर की औषधालय, व्यवहार में देशभक्ति, सोलह संस्कार की वैज्ञानिक एवं मनोवैज्ञानिक पृष्ठभूमि, ग्लोबल वार्मिंग से बचने के उपाय, घर बालिका शिक्षा की पाठशाला, ललित कला में स्वालंबन, कबाड़ से जुगाड़ एवं संस्कृत संरक्षण के उपाय विषयों पर चर्चा की।
तीसरे सत्र में वर्ग की क्षेत्रीय बालिका शिक्षा प्रमुख जो वर्तमान में झाँसी में बालिका इंटर कॉलेज की प्रधानाचार्या हैं अर्चना अवस्थी ने किशोरावस्था में होने वाले शारीरिक व मानसिक परिवर्तन एवं व्यवहार चक्र विषय पर चर्चा की, इस सत्र में बालिकाओं में होने वाले परिवर्तन को किस प्रकार नियंत्रित किया जाए इसकी जानकारी दी गई।
चौथे सत्र में विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षण संस्थान के राष्ट्रीय मंत्री शिवकुमार ने बालिका शिक्षा प्राचीन से अर्वाचीन तक विषय पर अपने विचार रखें। कार्यक्रम में क्षेत्रीय बालिका शिक्षा प्रभारी उमाशंकर मिश्र, काशी प्रांत के संगठन मंत्री राम मनोहर, प्रदेश निरीक्षक राम जी सिंह, गोपाल संभाग निरीक्षक सुल्तानपुर, मीना श्रीवास्तव बालिका शिक्षा प्रमुख संयोजिका काशी प्रांत, निधि द्विवेदी, प्रधानाचार्य डॉ विंध्यवासिनी प्रसाद त्रिपाठी, विक्रम सिंह परिहार, युगल किशोर एवं विद्यालय के सभी शिक्षक उपस्थित रहे।