वृहद वृक्षारोपण अभियान-2023 को सफल बनाने के लिए उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने दिये निर्देश
सभी अधिकारी/कर्मचारी वृक्षारोपण अभियान-2023 में बढ़-चढ़कर प्रतिभाग करें– ब्रजेश पाठक
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के लिए वृक्षारोपण हेतु 10.91 लाख का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों को इस वृहद वृक्षारोपण अभियान-2023 में बढ़-चढ़ कर प्रतिभाग करने के निर्देश दिये हैं। उपमुख्यमंत्री ने आज अपने शासकीय आवास पर वृक्षारोपण की तैयारी के सम्बंध में जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि चिकित्सालयों एवं संस्थानों के परिसर तथा रिक्त जमीनों पर अधिक से अधिक वृक्षारोपण सुनिश्चित किया जाय, साथ ही पौधों की देखभाल की व्यवस्था करायी जाय। उन्होंने कहा कि मा0 मुख्यमंत्री जी ने वृहद वृक्षारोपण अभियान के तहत पूरे प्रदेश में 35 करोड़ पौधे रोपित किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। जिसको प्राप्त करने के लिए कल 22 जुलाई, 2023 को 30 करोड़ तथा स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर 05 करोड़ पौधे रोपित किये जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस तरह प्रदेश के हरियाली को मौजूदा 9 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत तक किये जाने का लक्ष्य प्राप्त करना है।
श्री पाठक ने कहा कि हमारे सनातन संस्कृति में वृक्षों को देव तुल्य माना गया है और प्रकृति की पूजा की जाती है। इस दृष्टि से भी वृक्षारोपण एक पुण्य का कार्य है इसलिए वृक्षारोपण के दौरान फलदार एवं छायादार देशी प्रजाति के पीपल, पाकड़, महुआ, आम, बरगद, अमलतास, नीम, मौलश्री, अशोक आदि के पौधे रोपित किये जाएं।
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि सामूहिक एवं सघन वृक्षारोपण से जलवायु परिवर्तन के बढ़ते संकट को टाला जा सकता है। उन्होंने कहा कि विगत 06 वर्षों में सघन वृक्षारोपण से प्रदेश के वनावरण में बढ़ोत्तरी हुई है। इसको और बढ़ाने के लिए सभी लोगों को वृक्षारोपण अभियान में पूरी संवेदनशीलता के साथ सहभागिता करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के समस्त अधिकारी/ कर्मचारी वृहद वृक्षारोपण अभियान को सफल बनाने के लिए अपनी शत-प्रतिशत भागीदारी सुनिश्चित करें। उल्लेखनीय है कि प्रदेश के उपमुख्यमंत्री श्री पाठक ने कल 22 जुलाई को एसजीपीजीआई लखनऊ तथा जनपद बाराबंकी के नन्दनवन जिन्हौली में आयोजित वृहद वृक्षारोपण अभियान में प्रतिभाग कर अभियान का शुभारम्भ करेंगे।