सिर्फ पोर्टल पर दिख रहे मजदूर… कार्यस्थल से नदारद
नौगढ़ में मनरेगा में बंद नहीं हो रहा फर्जी हाजिरी लगाने का खेल, उठ रहे सवाल ……
फसलों से लहलहाते स्थानों पर जिम्मेदार खंड विकास अधिकारी दे रहे कच्चे कार्यों को स्वीकृति
नौगढ़। विकास खंड नौगढ़ में मनरेगा में फर्जी हाजिरी लगाकर सरकारी धन के गोलमाल करने का खेल बंद नहीं हो रहा है। जिम्मेदारों की मिली भगत से मनरेगा पोर्टल पर मजदूरों की संख्या सैकड़ों में दिख रही है। जबकि कार्यस्थल पर मजदूर खोजे नहीं मिल रहे हैं। इतना ही नहीं, ग्राम पंचायतों में बिना कार्य किए ही ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज हो जा रही है। विकास खंड नौगढ़ के ग्राम पंचायत बोदलपुर में मनवानार बंधी से लल्लन के खेत तक 46 लेबरों से अधिक मजदूरों की ऑनलाइन उपस्थिति मनरेगा पोर्टल पर दर्ज की गई है। जबकि मौके पर एक भी मजदूर कार्य करते नहीं देखे जा रहे हैं। वर्तमान में कच्चे कार्यों को कराना कठिन है। क्योंकि खेतों में फसल, तालाब और पोखरों में पानी भरा है। ऐसे में मिट्टी का कार्य संभव नहीं है। बावजूद इसके बोदलपुर ग्राम पंचायत में रामसनेही के खेत के पास पानी से भरे हुए बंधी पर एक हफ्ते से लगातार 50 से अधिक मजदूरों की उपस्थिति दर्ज की गई है।
खंड विकास अधिकारी अमित कुमार के द्वारा स्वीकृत किए गए मस्टर रोल में चंदौली समाचार ने कुछ स्थानों की पड़ताल की तो चौंकाने वाले मामला सामने आया है। बरवाडीह पंचायत में सोनभद्र बॉर्डर से लक्ष्मणपुर बॉर्डर तक काम करना दिखाया जा रहा है। ऑनलाइन 52 लेबरों की हाजिरी दिखाई जा रही है जबकि मौके पर चार मजदूर हैं। पंचायत चमेरबांध में नीलकमल के खेत के पास बंधी पर मिट्टी डालने का काम दिखाया जा रहा है। जबकि फोटो गर्मी का अपलोड किया गया है।
पंचायत पिपराही गांव में शेखर के घर से शमशेरपुर बॉर्डर तक डबला पर मिट्टी डालने का कार्य 57 लेबरों से करना दिखाया जा रहा है। जबकि मौके पर 5-6 लेबर मिट्टी को पीटते हुए दिखाई दिए। पंचायत सेमर साधोपुर के पथरौर गांव में पश्चिमी बंधी पर मिट्टी डालने का काम 91 लेबरों से करना दिखाया जा रहा है, जबकि गांव वालों का कहना है कि ऐसा कोई काम नहीं हो रहा है। बेसमय खेतों के बीच मिट्टी के कार्यों के निमार्ण की स्वीकृति पर सवाल उठ रहे हैं। इसका जवाब जिम्मेदार भी नहीं दे पा रहे हैं।
शासन ने मनरेगा में गड़बड़झाला रोकने के लिए कार्य स्थल से ही मजदूरों की ऑनलाइन उपस्थिति रोजगार सेवक/ मनरेगा मेट द्वारा दर्ज किया जाना अनिवार्य किया गया है। इसकी निगरानी के लिए पंचायत सचिव, कलस्टर प्रभारी, एपीओ, बीडीओ के अलावा जिले स्तर के अधिकारियों को भी लगाया गया है। किंतु अधिकारियों की नजर से बचने के लिए अधिकतर ग्राम पंचायतों में रात आठ बजे बजे उपस्थिति दर्ज कराई जा रही है।
*खंड विकास अधिकारी अमित कुमार बोले*
मामले की जांच कराई जाएगी। यदि आरोप सही मिले तो मस्टर रोल शून्य करते हुए जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जाएगी।