एनटीपीसी लारा की द्वितीय चरण का निर्माण कार्य अखिलेश सिंह के हाथों प्रारम्भ हुआ

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रायगढ़। अखिलेश सिंह, परियोजना प्रमुख द्वारा द्वितीय चरण 1600 मेगावाट का निर्माण कार्य का शुभारंभ दिनांक 12 अप्रैल 2024 को वैदिक पद्धति से किया गया। एनटीपीसी लारा का विस्तारिकरण के अंतर्गत दो नई इकाई (800×2) का निर्माण किया जा रहा है। इसका संविदा भारत हेवी इलैक्ट्रिकल लिमिटेड को प्राप्त हुआ है। कुल 15529.99 करोड़ रुपया की लागत से बनने वाला यह दो इकाइयां संविदा प्राप्त होने की दिनों से 48 एवं 52 महीनों में कमिशन होगा। लारा की वर्तमान में चल रहे दो 800 मेगावाट का इकाई सुपर क्रिटिकल तकनीक पर आधारित है जबकि नई बनने वाले दो इकाइयां अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल तकनीक युक्त होगी, जो की वर्तमान इकाईयों 10.5 प्रतिशत से 1 प्रतिशत ज्यादा दक्षता यानि 41.5 प्रतिशत ज्यादा दक्षता सम्पन्न इकाइयां है। ज्यादा दक्षता सम्पन्न यानि कम ईंधन की लागत से बिजली बनाना है।

कम कोयला की खपत के कारण यह पर्यावरण हितैषी है। एनटीपीसी लारा स्टेशन को ईंधन की आपूर्ति तलाईपली कोयला खदान से की जा रही है। कप्टिव कोयला खदान से कोयला आपूर्ति होने के कारण अन्य बिजली सयंत्र के मुक़ाबले लारा परियोजना पश्चिमी क्षेत्र के अन्य परियोजना से काफी कम मूल्यों में बिजली प्रदान कर रहा है। तलाईपली से एनटीपीसी लारा स्टेशन तक 65 किलोमीटर लंबी मेरी-गो-राउंड एनटीपीसी का पहला विद्युत संचालित मेरी-गो-राउंड प्रणाली है, जो की नदी, पहाड़ एवं जंगल से होकर गुजरता है। इसको बनाने के लिए सभी व्यवस्था का ध्यान रखा गया है जिसे पर्यावरण एवं जीव जंतुओं का किसी भी तरह का नुकसान न हो।

एनटीपीसी लारा परियोजना से उत्पादित बिजली का 50 प्रतिशत छत्तीसगढ़ राज्य के लिए आबंटित है एवं बाकी का आधा हिस्सा मध्यप्रदेस, महाराष्ट्र, गुजरात, गोवा, दमन एवं दीव और दादरा एवं नगर हवेली राज्य आरवीएम केंद्र शासित प्रदेश को बिजली आपूर्ति कर रहा है। एनटीपीसी लारा अपनी नैगम सामाजिक दायित्व एवं सामुदायिक विकास कार्यों के अंतर्गत शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, अधोसारंचना का विकास कार्यो के माध्यम से सहयोगी ग्रामों, रायगढ़ जिला तथा छत्तीसगढ़ राज्य में विभिन्न विकास कार्य में सहभागी हो कर राष्ट्र निर्माण में अपना बहुमूल्य योगदान कर रहा है।

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