प्रशिक्षुओं को दिए गए प्रमाण पत्र , सिलाई के 120 दिन के पाठ्यक्रम का प्रशिक्षण पूर्ण
किशोरियों और महिलाओं के स्वावलंबन के लिए सामाजिक संस्था आशा ट्रस्ट की एक कोशिश
चौबेपुर, वाराणसी / सामाजिक संस्था आशा ट्रस्ट द्वारा किशोरियों और महिलाओं के स्वावलंबन के लिए चलाये जा रहे अभियान के तहत 120 दिनों के प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रथम बैच का समापन रविवार को भंदहा कला (कैथी) स्थित प्रशिक्षण केंद्र में हुआ । इसके अंतर्गत सिलाई विधा में 15 किशोरियों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया।
इस अवसर पर शिक्षिका डॉ सुमन कुमारी चौबे ने सभी प्रशिक्षुओं को प्रमाण पत्र प्रदान किया और कहा कि महिलाओं और किशोरियों को स्वावलंबन के लिए कई विधाओं में पारंगत होना चाहिए इससे उनकी आत्मनिर्भरता बढ़ेगी । संस्था के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार की गतिविधियों का और विस्तार होना चाहिए ।
कार्यक्रम के उद्देश्य बारे में बताते हुए संचालिका सरोज सिंह ने कहा कि किशोरियों को स्वावलंबी बनाने और उनका आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए संचालित किये जा रहे इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य, स्वच्छता और महिला अधिकारों के बारे में भी उन्हें सचेत करने की कोशिश की गयी ।
आशा ट्रस्ट के समन्वयक वल्लभाचार्य पाण्डेय ने कहा कि महिलाओं के आर्थिक स्वावलंबन से उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा और सही अर्थों में समाज में स्त्री-पुरुष समानता आएगी ।
कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार प्रवीण चौबे ने कहा कि इस प्रकार के स्वावलम्बन कार्यक्रमों से बालिकाओं के आत्मविश्वास में वृद्धि होगी, बहुमुखी प्रतिभा के विकास के लिए किए जा रहे संस्था के प्रयास सराहनीय है। मुस्कान, रीना श्रीवास्तव, आंचल, रम्भा सिंह आदि ने प्रशिक्षण अनुभव साझा किये। इस अवसर पर प्रदीप सिंह, दीन दयाल सिंह, महेश पाण्डेय रूबी पांडेय, मीनाक्षी दुबे, प्रवीण पांडेय आदि की विशेष रूप से उपस्थिति रही । कार्यक्रम का संचालन ज्योति सिंह एवं धन्यवाद ज्ञापन निक्की राजभर ने किया ।