मुजफ्फरपुर। एनटीपीसी काँटी में 25 अप्रैल को शुरू हुई बालिका सशक्तिकरण अभियान का रविवार को समापन हो गया। बालिकाओं की निखरती प्रतिभा को दर्शाते हुए उनके हुनर को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक महीना के लिए आयोजित इस अभियान में आठ स्कूलों से 40 बालिकाओ ने भाग लिया। समापन समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित मधु एस, परियोजना प्रमुख, एनटीपीसी कांटी ने इस अभियान की खूब प्रशंसा की। कार्यक्रम के औपचारिक शुरुआत के बाद विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम भी किए गए। सर्वप्रथम गणेश वंदना कर बालिकाओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम के कड़ी की मंगल शुरुआत की। इस कड़ी में बालिकाओं ने बालिका सशक्तिकरण अभियान के समापन समारोह के प्रसंग में नृत्य, नाट्य आदि की प्रस्तुती दी। सभी सांस्कृतिक कार्यक्रमों में बालिकाओं ने बढ़-चढ़ के हिस्सा लिया एवं अद्भुत प्रदर्शन किया। कार्यक्रम में मौजूद सभी अतिथियों ने बालिकाओं के प्रतिभा से मंत्रमुग्ध हो गए और बच्चियों की मेहनत की भूरी-भूरी प्रशंसा की।
आपको बताते चले की बालिका सशक्तिकरण अभियान एनटीपीसी काँटी में लगातार दूसरे साल आयोजित किया गया जिसमे अगल बगल के गांव से करीब 40 बच्चियों को एक महीना तक पढाई के अलावा सेल्फ इंप्रूवमेंट,पर्सनाल्टी डेवलपमेंट, स्किल डेवलपमेंट, म्यूजिक, डांस एवं सेल्फ डिफेंस इत्यादि की आवासीय ट्रेनिंग दी गई। बालिकाओं को सम्बोधित करते हुए परियोजना प्रमुख ने कहा की यह एनटीपीसी कांटी की बहुत ही सराहनीय पहल है। एनटीपीसी कांटी ने बच्चियों में गजब का आत्मविश्वास भरने का काम किया है। जब बच्चियां यहां से जायेंगी तो वो एक अलग आत्मविश्वास से जायेंगी और अपने परिवार और अपने गांव का नाम रोशन करेंगी। इस मौके पर मौजूद काँटी प्रखंड के गांव से आए अभिभावकगण ने एनटीपीसी कांटी की जम कर तारीफ की।
स्कूलों से उपस्थित शिक्षक ने भी कहा की बालिकाएँ अपने जीवन में सफलता के मार्ग पर निरंतर आगे बढ़ें एवं हर लक्ष्य को प्राप्त करने में उन्हें सफलता मिले। इसी उद्देश्य के तहत उन्हें अभियान में प्रशिक्षित किया गया है। मुझे आशा ही नहीं बल्कि पूर्ण विश्वास है कि ये प्रशिक्षित बालिकाएँ चार सप्ताह में जो कुछ सीख पाई हैं उसे अपने आस-पास के वातावरण में तथा अपने दोस्तों को साझा कर के उन्हे भी अपने जीवन पथ पर आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करेगी। इस मौके पर मनोज सिन्हा, महाप्रबंधक (तकनीकी सेवाएं), महेशकुमार सुथार, अपर महाप्रबंधक(मानव संसाधन), वरीय अधिकारीगण, बच्चों के अभिभावकगण, शिक्षकगण एवम अन्य लोग मौजूद रहे।