विलासपुर / एसईसीएल मुख्यालय स्थित प्रांगण में एक नवंबर को निदेशक (वित्त) जी. श्रीनिवासन के मुख्य आतिथ्य, निदेशक तकनीकी संचालन सह योजना-परियोजना एस.एन. कापरी, निदेशक (कार्मिक) देबाशीष आचार्या, मुख्य सतर्कता अधिकारी जयंत कुमार खमारी, संयुक्त सलाहकार समिति सदस्य हरिद्वार सिंह (एटक) की उपस्थिति में कोलइण्डिया व छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस समारोहपूर्वक मनाया गया।
कार्यक्रम की शुरूआत में मुख्य अतिथि सहित समस्त उपस्थित अतिथियों ने शहीद स्मारक, डा. भीमराव अम्बेडकर प्रतिमा व ’’खनिक प्रतिमा’’ पर माल्यार्पण किया, उपरांत उपस्थित विभागाध्यक्षों, श्रमसंघ प्रतिनिधियों ने माल्यार्पण किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि द्वारा कोलइण्डिया ध्वज फहराया गया, उपरांत कोलइण्डिया कारपोरेट गीत बजाया गया, तत्पश्चात मुख्य अतिथि, विभिन्न विभागाध्यक्षों, श्रमसंघ प्रतिनिधियों, सिस्टा प्रतिनिधियों द्वारा छत्तीसगढ़ की माटी, मानचित्र, हल एवं धान की बाली की पूजा की गयी।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि निदेशक (वित्त) ने अपने सारगर्भित उदबोधन में कहा कि कोलइण्डिया हमें देश के विकास में सक्रिय सहभागिता निभाने के लिए प्रेरित करती है और छत्तीसगढ़ की संस्कृति हमें सद्भाव एवं मेहनत सिखाती है। उन्होंने कहा मुझे गर्व व खुशी है कि हम एक ऐसे इन्डस्ट्री में काम करते हैं, जो देश की एनर्जी सिक्युरिटी के लिए, देश की इकानामी के लिए अहम भूमिका निभा रहा है। कोल इण्डिया आज दुनिया की सबसे बड़ी कोयला उत्पादक सार्वजनिक कम्पनी है। वहीं यह देश के 10 सबसे बड़े एम्प्लायर्स, 10 मोस्ट वेल्यूएबल और 10 मोस्ट प्राफिटेबल कम्पनियों में से एक है। उन्होंने कहा आज देश में कोल माईनिंग का एक ह्यूमन फेस, सोशल वेल्यू है। देश में जो 250 से ज्यादा जो हमारी खदानें है वे सब अपने आप में, अपने आसपास के समाज के लिए डेव्हलपमेंट के कैरियर के रूप में काम किया है। प्रोस्पेरिटी के बूस्टर के रूप में काम किया है और निश्चित रूप से कह सकते हैं कि कोल इण्डिया ने हमारे देश, समाज को उन्नत करने में, समृद्ध बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। हमारा एसईसीएल, इस कोल इण्डिया का टार्च बियरर रहा है, जिसको मुकुट का मणी बोल सकते हैं। उन्होंने कहा हमारे सीएमडी डा. प्रेम सागर मिश्रा के प्रयासों से कोयला उत्पादन, आफटेक, ओबीआर में अपेक्षित वृद्धि हुई है, वे हम सभी के प्रेरणास्त्रोत हैं, साथ ही हमारे क्षेत्रीय महाप्रबंधक, विभागाध्यक्ष, श्रमसंघ प्रतिनिधियों व प्रत्येक कर्मियों की इस सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका है। इस वित्तीय वर्ष के पहले छमाही में हमारी कम्पनी एसईसीएल का प्रदर्शन ऐतिहासिक रहा है] हम लोग कोल प्रोडक्शन में मोर दैन 22 परसेन्ट, कोल आफटेक में मोर दैन 17 परसेन्ट और ओवरबर्डन रिमूवल यानि ओबीआर में तो रिकार्ड 44 परसेन्ट से अधिक की वृद्धि दर्ज किए हैं। एसईसीएल ने अभी 28 अक्टूबर को फास्टेस्ट 100 मिलियन टन आफटेक का रिकार्ड बनाया है। एसईसीएल इस छत्तीसगढ़ राज्य के सुदूर अंचलों में लगभग 10 हजार करोड़ रूपये के निवेश से, छत्तीसगढ़-ईस्ट-रेलवे लिमिटेड तथा छत्तीसगढ़ ईस्ट-वेस्ट-रेलवे कारीडोर विकसित कर रहा है, इसके माध्यम से 350 किलोमीटर से अधिक का रेल नेटवर्क बिछ रहा है, इसके एक फेस का लोकार्पण हाल ही में माननीय प्रधानमंत्रीजी ने किया है, इसका एक बड़ा लाभ ये है कि इसके माध्यम से हम लोग देश के डिस्टेन्ट रीज़न्स को, पिछड़े, आदिवासी क्षेत्रों को समाज के मुख्य धारा से जोड़ने का भी योगदान दे रहे हैं। इस अवसर पर बड़ी संख्या में विभिन्न विभागाध्यक्षगण, अधिकारी-कर्मचारी, महिला कर्मचारीगण उपस्थित थे। कार्यक्रम में उदघोषणा का दायित्व श्रीमती सविता निर्मलकर उप प्रबंधक (राजभाषा) ने निभाया।