नई सेना अब चार मौजूदा शाखाओं-थल सेना, नौसेना, वायु सेना और रॉकेट फोर्स के अलावा पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की पांचवीं ताकत के रूप में कार्य करेगी। यह स्पष्ट नहीं था कि अंतरिक्ष कमान औपचारिक रूप से कब स्थापित की गई थी लेकिन माना जाता है कि यह अभी भी डेवलपिंग फेज में है।
दुनिया में सबसे खतरनाक हथियार परमाणु बम को माना जाता है। लेकिन इससे भी ज्यादा खतरनाक हथियार जिसे रोड्स प्राम गॉड कहा जाता है। ये एक हाइपरसोनिक स्पेस वेपन है। रोड्स फ्रॉम गॉड की पहली बार परिकल्पना शीतयुद्ध के वक्त की गई थी। लेकिन एक बार फिर से इसकी चर्चा हो रही है। चीन ने कथित तौर पर घातक हाइपरसोनिक हथियारों से लैस दुनिया का पहला स्पेस कमांड’ बनाया है।
नई सेना अब चार मौजूदा शाखाओं-थल सेना, नौसेना, वायु सेना और रॉकेट फोर्स के अलावा पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की पांचवीं ताकत के रूप में कार्य करेगी। यह स्पष्ट नहीं था कि अंतरिक्ष कमान औपचारिक रूप से कब स्थापित की गई थी लेकिन माना जाता है कि यह अभी भी डेवलपिंग फेज में है।
अंतरिक्ष बनेगा नेकस्ट बैटल ग्राउंड
चीनी शोधकर्ताओं का मानना है कि अंतरिक्ष कमांड उस लोकप्रिय धारणा के अनुरूप है कि अंतरिक्ष अगला युद्धक्षेत्र है, जहां वो अपने प्रतिस्पर्धियों पर स्पष्ट बढ़त हासिल रखना चाहता है। विशेषज्ञों की एक टीम द्वारा अक्टूबर में 11वीं चीन कमान और नियंत्रण सम्मेलन में एक पेपर प्रस्तुत किया था।
उन्होंने कहा कि निकट-अंतरिक्ष एक हॉट वारफेयर वाला क्षेत्र बन गया है जो भविष्य की लड़ाइयों के नतीजे निर्धारित कर सकता है। दुश्मनों की महत्वपूर्ण सैन्य संपत्तियों को निशाना बनाने के लिए चीन की निकट-अंतरिक्ष कमान आधुनिक हाइपरसोनिक मिसाइलों से लैस होगी। इसे महत्वपूर्ण लक्ष्यों पर हमले करने के साथ-साथ स्वचालित ड्रोन और जासूसी गुब्बारों के माध्यम से दुनिया भर में उच्च ऊंचाई पर निगरानी करने का काम सौंपा जाएगा।
दो धारी तलवार
चीनी शोधकर्ताओं का मानना है कि सुपर-एडवांस्ड निकट-अंतरिक्ष कमांड एक दोधारी तलवार के रूप में कार्य करता है। ये चीन को पृथ्वी पर किसी भी लक्ष्य को अजेय गति से मारने की क्षमता देता है, लेकिन इसके साथ ही ये अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में महत्वपूर्ण राजनयिक चुनौतियां भी पेश करता है।
यह तथ्य कि चीन अब एक समर्पित अंतरिक्ष कमान रखने में अग्रणी है, अमेरिका, यूरोपीय संघ, भारत और यहां तक कि रूस जैसे इंटरनेशनल की प्लेयर्स के कान खड़े कर सकता है। मीडिया रिपोर्ट मुताबिक, अंतरिक्ष कमान में बड़ी संख्या में जासूसी गुब्बारे, सौर ऊर्जा से चलने वाले ड्रोन और अन्य सहायक उपकरण भी होंगे। स्पेस ओरिएंटेड ऑपरेशन के विपरीत, जासूसी गुब्बारों को कभी-कभी अन्य देशों के क्षेत्रों या संवेदनशील क्षेत्रों पर विशेष अभियान चलाना पड़ सकता है
कैसे काम करेगी चीन की स्पेस कमांड?
चीन की अंतरिक्ष कमान का सबसे बड़ा मकसद युद्ध की स्थिति में चीन को जीत दिलाने में मदद करना है। तो, यह ऐसा कैसे करेगा? अंतरिक्ष कमान सबसे पहले दुश्मन के रॉकेट प्रक्षेपण स्थलों को निशाना बनाएगी, जिससे चीन के नागरिक या सैन्य उपग्रह नेटवर्क पर उपग्रह-रोधी मिसाइलें दागने की उनकी क्षमता बाधित होगी। अखबार ने कहा कि ये हमले सटीक, जबरदस्त और निर्दयी होने चाहिए।
हाइपरसोनिक हथियार निभाएंगे अहम भूमिका
अंतरिक्ष कमान ‘निकट-अंतरिक्ष’ क्षेत्र में काम करेगी, जो लगभग 20 किमी (12 मील) की ऊंचाई से शुरू होती है और पृथ्वी से 100 किमी दूर अंतरिक्ष की निचली सीमा तक पहुंचती है। वहां की हवा विमानों के लिए बहुत पतली है, और इसीलिए सैन्य विमान वहां जाने से बचते हैं।
लेकिन हाइपरसोनिक हथियार वहां ध्वनि की गति से पांच गुना से भी अधिक गति से काम कर सकते हैं और अपने अप्रत्याशित युद्धाभ्यास से वायु रक्षा प्रणालियों को धोखा दे सकते हैं। युद्ध के दौरान, निकट-अंतरिक्ष कमान पीएलए की अन्य शाखाओं के पास मौजूद हाइपरसोनिक हथियारों का भी पूर्ण नियंत्रण अपने हाथ में ले लेगी।